अमरावती। पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान को लेकर नूपुर शर्मा (nupur sharma) आलोचकों के निशाने पर हैं। ताजा घटनाक्रम में महाराष्ट्र के अमरावती में नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले पोस्ट के लिए दुकान मालिक की हत्या की आशंका जाहिर की गई है। इस मामले का राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल मर्डर से क्या कनेक्शन है ? इस पहलू पर जांच के लिए NIA की एक टीम अमरावती पहुंची है। बता दें कि केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या 21 जून को हुई थी।
दरअसल, घटना 21 जून को रात 10 बजे से 10.30 बजे के बीच हुई। उमेश कोल्हे अपनी दुकान ‘अमित मेडिकल स्टोर’ बंद करके घर जा रहे थे। एक अन्य स्कूटर पर 27 वर्षीय संकेत और उनकी पत्नी वैष्णवी उमेश के साथ थे। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का मानना है कि उमेश कोल्हे को कथित तौर पर बीजेपी की नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट के बदले मारा गया। बता दें कि नूपुर ने एक टीवी डिबेट में पैगंबर पर विवादित टिप्पणी की थी। बता दें कि नूपुर शर्मा की टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी तल्ख टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि नूपुर को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
उमेश कोल्हे के बेटे संकेत कोहले की शिकायत के बाद अमरावती में सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन द्वारा प्रारंभिक जांच में उन्हें 23 जून को दो व्यक्तियों मुद्दसिर अहमद और 25 वर्षीय शाहरुख पठान को गिरफ्तार किया गया। उनसे पूछताछ में चार और लोगों की संलिप्तता का पता चला। जिनमें से तीन – अब्दुल तौफिक (24), शोएब खान (22) और अतिब राशिद (22) – को 25 जून को गिरफ्तार किया गया था। एक शमीम अहमद फिरोज अहमद फरार है।
संकेत ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया, ‘हम प्रभात चौक से जा रहे थे और हमारे स्कूटर महिला कॉलेज न्यू हाई स्कूल के गेट पर पहुंच गए थे। मोटरसाइकिल पर सवार दो आदमी अचानक मेरे पिता की स्कूटी के सामने आ गए। उन्होंने मेरे पिता की बाइक रोक दी और उनमें से एक ने उनकी गर्दन के बाईं ओर चाकू से वार कर दिया। मेरे पिता गिर गए और खून बह रहा था। मैंने अपना स्कूटर रोका और मदद के लिए चिल्लाने लगा। एक अन्य व्यक्ति आया और तीनों मोटरसाइकिल पर मौके से फरार हो गए। आसपास के लोगों की मदद से कोल्हे को पास के एक्सन अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने कहा, हत्याकांड की जांच के दौरान पता चला कि नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट उमेश कोल्हे ने वॉट्सऐप पर शेयर किया था। गलती से, उमेश ने मुस्लिम सदस्यों वाले एक वॉट्सऐप ग्रुप में भी ये संदेश पोस्ट कर दिया। इस ग्रुप में उसके ग्राहक भी थे। गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने बताया कि पैगंबर का अपमान हुआ इसलिए उमेश को मरना ही चाहिए था।
पुलिस ने हत्या को अंजाम देने वाला चाकू, मोबाइल फोन, वाहन और अपराध में इस्तेमाल किए गए कपड़े को जब्त कर लिया है। घटना स्थल से सीसीटीवी फुटेज भी हासिल की गई है। जब्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेंसिक साइंस लैब (DFSL) भेजा गया है। तकनीकी साक्ष्य की जांच जारी है। सभी गिरफ्तार आरोपियों और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक अकाउंट डिटेल की जांच भी की जा रही है।
उमेश कोल्हे की हत्या के कारणों के संबंध में इंडियनएक्सप्रेस डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक उनके बेटे संकेत ने बताया, मेरे पिता बहुत खुशमिजाज व्यक्ति थे। उन्होंने कभी किसी के बारे में अपशब्द नहीं बोले और न ही वे किसी राजनीतिक दल से जुड़े थे। मैंने यह भी सुना है कि उसकी सोशल मीडिया पोस्ट के कारण हत्या कर दी गई, लेकिन मैंने उनका फेसबुक प्रोफाइल चेक किया। मुझे कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। संकेत के मुताबिक हत्या का मकसद क्या था यह तो पुलिस ही बता सकती है, लेकिन पक्के तौर पर हत्या डकैती के लिए नहीं की गई।
द इंडियन एक्सप्रेस की इसी खबर में यह पूछे जाने पर कि क्या केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या सोशल मीडिया पोस्ट के कारण हो सकती है, अमरावती शहर की पुलिस आयुक्त आरती सिंह बताया, इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बाकी की तलाश जारी है। फरार लोगों की गिरफ्तारी से हमें हत्या का मकसद जानने में मदद मिलेगी।