उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है. पुलिस ने जिन दो अन्य आरोपी मोहसिन और आसिफ़ को गिरफ़्तार किया है वे मुख्य आरोपी गौस और रियाज़ के साथ साज़िश और वारदात में शामिल थे. ये घटना के दिन मौक़े पर दो बाइक लेकर मौजूद थे ताकि अगर पकड़े जाते हैं तो भीड़ से छुड़ा कर उन्हें ले जाएं. या उनकी बाइक स्टार्ट नहीं होती तो अपने बाइक पर ले भागें.
आसिफ और मोहसिन को रेडक्लाइज करके शामिल किया
बता दें कि कन्हैया लाल की हत्या से पहले कई बार मीटिंग हुई थी. मीटिंग में रियाज़, मोहम्मद गौस, आसिफ और मोहसिन शामिल थे. रियाज ने आसिफ और मोहसिन को रेडक्लाइज करके इस वारदात में साथ देने के लिए तैयार किया था. आसिफ और मोहसिन कन्हैया लाल की हत्या की प्लानिंग से लेकर हथियार बनाने तक में शामिल रहे. कन्हैया लाल की दुकान जिस गली में थी उस गली में पहले से रियाज और मोहम्मद गौस का आना जाना था.
कई अधिकारी सस्पेंड
उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड में राजस्थान सरकार ने एसपी और आईजी को हटाने के बाद तीन पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. डीजीपी एमएल लाठर ने आदेश जारी कर एएसपी सिटी अशोक मीणा, सर्किल ऑफ़िसर ईस्ट जरनैल सिंह, सर्किल आफिसर वेस्ट जितेंद्र आंचलिया, सूरजपोल एसएचओ लीलाधर मालवीय को सस्पेंड कर दिया.
इन अधिकारियों के कन्हैया लाल की तरह एक व्यापारी को नूपुर शर्मा मामले में गिरफ़्तार करने के बाद बेल पर आने पर हत्या की धमकी मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं करने पर सस्पेंड किया गया है. व्यापारी ने दुकान बंद कर शहर छोड़ दिया था, इसलिए उसकी जान बच गई. कन्हैया के हत्यारे उसे भी मारने के लिए ढूंढ रहे थे.
हत्या की धमकी देने वालों को किया जा रहा गिरफ्तार
उधर कन्हैया लाल की हत्या के बाद नूपुर शर्मा मामले में हत्या की धमकी देनेवाले सभी लोगों की धड़पकड़ राजस्थान में शुरू हो गई है. पुलिस की मौजूदगी में बूंदी में धमकी देनेवाले दोनों मौलानाओ मुफ्ती नदीम अख़्तर और मोहम्मद आलम राजा गौर को गिरफ़्तार किया गया, जिसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
अजमेर दरगाह के बाहर 17 जून को भड़काऊ नारे लगाने के मामले में 13 दिन बाद 4 लोगों को गुरूवार को गिरफ़्तार किया गया था. जिसमें दो लोगों को पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया. मुख्य आरोपी फ़रार है.