वाराणसी/लखनऊ। वाराणसी में नीट-यूजी परीक्षा में पकड़े गए साल्वर गैंग से पूछताछ जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए खुलासे हो रहे हैं । इस गैंग में दो टीमें काम कर रही थीं, एक कोचिंग संस्थानों में तैयारी कर रहे अमीर छात्रों पर नजर रखती थी तो दूसरी पासआउट होने वाले उन मेडिकल स्टूडेंट्स पर जो मेधावी हैं, लेकिन गरीब हैं। इसके बाद तय होता था सौदा, और तकनीक की मदद से खेला जाता था बड़ा खेल ।
इन तस्वीरों पर गौर कीजिए, कुछ इसी तरह से ये सॉल्वर गैंग अपने चीटिंग के खेल को अंजाम देता था । नीट की परीक्षा में साल्वर के रूप में पकड़ी गई बीएचयू के बीडीएस सेकेंड इयर की छात्रा जूली को लेकर पूछताछ में पता चला है कि वो त्रिपुरा की हिना की जगह एग्जाम देने पहुंची थी । ये गैंग मूल अभ्यर्थी की तस्वीर के साथ साल्वर की तस्वीर को साफ्टेवयर के जरिए एडिट कर हू-ब-हू मिलते जुलते चेहरे के साथ तैयार करती थी ।
ऊपर दिखाई गई तस्वीर में बाएं तरफ सबसे ऊपर त्रिपुरा की हिना बिस्वास है, जो कि मूल अभ्यर्थी है । वहीं बाएं तरफ नीचे बीएचयू की जूली है, जो साल्वर हैं । तस्वीरें देखकर पता चलता है कि धीरे-धीरे फोटो एडिट करते हुए कैसे एक नई तस्वीर तैयार कर दी गई और फिर एडमिट कार्ड में चस्पा कर दी गई ।
फोन पर नहीं होती थी बात
सॉल्वर गैंग का मास्टर माइंड बिहार का कोई पीके बताया जा रहा है । इसे लेकर अभी कोई खास जानकारी नहीं जुटाई जा सकी है, ये शख्स पूरी तरह से अंडरकवर रहता था । बताया जाता है कि वो अपने संदेश भी कुरियर के जरिए भेजा करता था, किसी को फोन नहीं करता था ।
मंगलवार को मामले में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हुई है, इनमें जूली का भाई अभय, ओसामा और एक और शख्स पकड़ा गया है । पूर्वांचल के गाजीपुर का रहने वाला ओसामा शाहिद केजीएमयू लखनऊ में अंतिम वर्ष का छात्र है। ओसामा के पास से नीट प्रवेश परीक्षा के कई दस्तावेज बरामद हुए हैं । हालांकि उसने मोबाइल फोन का डाटा डिलीट कर सबूत मिटाने की भरपूर कोशिश की थी, लेकिन अब साइबर एक्सपर्ट डाटा रिकवरी करने की कोशिश में जुट गए हैं । जूली पटना बिहार की रहने वाली है, वहीं गैंग का सरगना पीके और डील कराने वाला विकास भी बिहार का है । ऐसे में वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने तुरंत एक स्पेशल टीम बिहार रवाना कर दी है।