प्रवर्तन निदेशालय (ED) को न्यूज़ पोर्टल ‘Newsclick’ के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जाँच में कुछ अहम सबूत मिले हैं। इस न्यूज़ पोर्टल और इसके प्रोमोटरों ने श्रीलंका-क्यूबा मूल के एक कारोबारी नेविले रॉय सिंघम से एक करार किया था, जो शक के घेरे में है। ‘PPK Newsclick Studio Pvt Ltd’ को जो 38 करोड़ रुपए की बड़ी फंडिंग मिली थी, उसका मुख्य स्रोत इसी कारोबारी को माना जा रहा है, जिसके सम्बन्ध चीन से हैं।
वेबसाइट को ये रकम 2018-21 के बीच विदेश से भेजी गई थी। TOI की खबर के अनुसार, इस मामले की जाँच कर रहे ED के सूत्रों ने बड़ी जानकारी दी है कि कारोबारी नेविले का सम्बन्ध चीन की सत्ताधारी पार्टी ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC)’ के एक प्रोपेगंडा संगठन से है। ‘भीमा-कोरेगाँव’ हिंसा से भी इस न्यूज़ पोर्टल के तार जुड़ रहे हैं क्योंकि जो रकम इसे मिली, उसका कुछ हिस्सा तथाकथित एक्टिविस्ट्स को गया।
इसमें ‘एल्गार परिषद’ के गौतम नवलखा का नाम भी शामिल है, जो फ़िलहाल जेल में बंद है। न्यूजक्लिक के संस्थापक और मुख्य संपादक प्रबीर पुरकायस्था से संबंधों को लेकर ED ने जेल में ही गौतम नवलखा से पूछताछ भी की है। वेबसाइट को जो रकम मिली, उसके एक बड़े हिस्से को उसने ‘सेवाओं का निर्यात (Export Of Services)’ के रूप में प्रदर्शित किया है। पुरकायस्था ने सिंघम के CPC से सम्बन्ध होने या फिर खुद के पोर्टल के चीनी सरकार से सम्बन्ध होने से इनकार किया है।
उन्होंने बताया कि सिंघम एक अमेरिकी कारोबारी हैं, जो एक सॉफ्टवेयर कंपनी चलाया करते थे। उन्होंने उस कंपनी को 700-800 मिलियन डॉलर (522.27 करोड़ से लेकर 596.88 करोड़ रुपए तक) में बेच दिया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें जो भी फंड्स मिले हैं, वो अमेरिका के जाने-माने संस्थाओं से प्राप्त हुए हैं। साथ ही उन्होंने इन मामलों में RBI के दिशानिर्देशों का पालन करने का भी दावा किया।
जबकि ED के सूत्रों का कहना है कि ‘Newsclick’ को अमेरिका के ‘जस्टिस एंड एजुकेशन फंड्स इंक’, ‘GSPAN LLC’ और ‘ट्राइकनटिनेंटल लिमिटेड इंक’ से फंड्स प्राप्त हुए। दिलचस्प ये है कि इन सभी कंपनियों का पता समान ही है। इसके अलावा ब्राजील के ‘सेंट्रो पॉपुलर डेमिदास’ से भी फंड्स मिले हैं। ED ने हाल ही में ‘Newsclick’ के शेयरधारकों के ठिकानों की तलाशी ली थी। उस समय CPC से जुड़े कई ईमेल कन्वर्सेशन हाथ लगे थे।
मीडिया संस्थान ने इन आरोपों से कई बार इनकार किया था। पोर्टल के संस्थापक ने कहा कि अगर ED के पास उनके खिलाफ कोई भी सबूत है कि उन्हें कोर्ट के सामने चार्जशीट में पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वो सुनवाई का सामना करने और कानूनी रूप से आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। हाल ही में उन्होंने अदालत से निवेदन किया था कि ED उनके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न करे।
अदालत ने उन्हें फ़िलहाल राहत प्रदान किया हुआ है। उन्होंने इस बात का जवाब नहीं दिया कि सिंघम चीन से काम कर रहे हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कोरोना संक्रमण के कारण उन्होंने चीन को सुरक्षित समझ कर वहाँ अपना ठिकाना बना लिया हो। ED के सूत्रों ने कहा कि न्यूजक्लिक को मिले पेमेंट कुछ खास कामों से जुड़े थे, जैसे अफ्रीका में चीन के कामकाज को मजबूत बनाना, इत्यादि।
अफ्रीका में अक्सर चीन पर तानाशाही और कैपिटलिस्ट होने के आरोप लगते हैं। इसमें जैक मा के खिलाफ कार्रवाई का बचाव करना भी शामिल है। बता दें कि ‘अलीबाबा’ के कंपनी के संस्थापक ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना की थी, जिसके बाद उन पर और उनकी संपत्तियों पर कड़ी कार्रवाई हुई थी। एक बाप्पादित्य सिन्हा नाम के व्यक्ति को भी मीडिया संस्थान से पेमेंट्स गए हैं, जो CPM नेताओं के ट्विटर हैंडल्स मैनेज करता है।
पुरकायस्था ने बाप्पादित्य के साथ अपने संबंधों को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने कंपनी को सॉफ्टवेयर सर्विसर्ज दी थीं, जिसके बाद उन्हें पेमेंट किया गया। कई देशों में चीन किस तरह अपने नैरेटिव के प्रचार-प्रसार के लिए मीडिया को भारी फंडिंग कर रहा है, ये छिपी हुई बात नहीं है। ‘Newsclick’ कंपनी के लॉन्च के कुछ ही महीनों के भीतर कैसे इतने बड़े फंड्स उसे आने शुरू हो गए, ये भी इस मामले को संदेहास्पद बनाता है।
The Delhi High Court on Monday extended the interim protection granted to news portal #NewsClick and its editor, Prabir Purkayastha, from coercive action in connection with a money laundering case lodged by the Enforcement Directorate (ED).https://t.co/Ylo2pr3ZPz
— The Hindu (@the_hindu) July 5, 2021
वित्तीय लेनदेन की जाँच के समय के समय केंद्रीय एजेंसी को पता चला कि एक इलेक्ट्रिसियन को 1.55 करोड़ रुपए का पेमेंट किया गया है। ये किस प्रकार की सेवाओं के बदले किया गया, इसकी डिटेल्स माँगी गई है। पुरकायस्था ने दावा किया कि उनके पीछे ED के अलावा आयकर विभाग और दिल्ली पुलिस का इकोनॉमिक ऑफेंस विंग भी लगा है। उन्होंने कंपनी के प्रत्येक शेयर के दाम 11,00 रुपए होने का भी बचाव किया। 29 जय तक ED की गिरफ़्तारी से उन्हें अदालती राहत मिली हुई है।
बता दें कि ‘न्यूज़क्लिक’ ही वो वेबसाइट है, जिस पर पत्रकार अभिसार शर्मा अपने वीडियो पोस्ट करते हैं। धान को गेहूँ बताकर चर्चा में आने वाले पत्रकार से ट्विटर ट्रोल बने अभिसार शर्मा ने फरवरी 2021 में ये जानकारी दी थी कि ‘न्यूज़क्लिक’ वेबसाइट के मालिकों और शेयर होल्डर्स के घर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रेड मारी है। उन्होंने बताया था कि वो इसी चैनल (न्यूज़क्लिक) पर अपने शो ‘बोल के लब आज़ाद हैं तेरे’ और ‘न्यूज़ चक्र’ करते हैं।