वाशिंगटन। अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) ने भारत में सबसे पहले पाए गए कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक डेल्टा वेरिएंट को ‘चिंताजनक’ बताया है. सीडीसी ने एक बयान में कहा, ‘अमेरिका में पाए जा रहे वायरस के वेरिएंट बी.1.1.7 (अल्फा), बी.1.351 (बीटा), पी.1 (गामा), बी.1.427 (एप्सिलन), बी.1.429 (एप्सिलन) और बी.1.617.2 (डेल्टा) चिंता का विषय हैं. अमेरिका में अब तक ऐसा कोई वेरिएंट नहीं है, जिसका प्रभाव बहुत अधिक हो.’ उसने कहा कि डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) में प्रसार क्षमता अधिक है.
वायरस के किसी भी वेरिएंट को चिंताजनक तब बताया जाता है, जब वैज्ञानिक मानते हैं कि वह अधिक संक्रामक है और गंभीर रूप से बीमार कर सकता है. चिंताजनक वेरिएंट की पहचान करने वाली जांच, उपचार और वैक्सीन भी इसके खिलाफ कम प्रभावी हो सकते हैं. इससे पहले सीडीसी ने डेल्टा वेरिएंट को लेकर कहा था कि इस वेरिएंट के बारे में और अनुसंधान की जरूरत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 10 मई को डेल्टा को चिंताजनक वेरिएंट बताया था.
अमेरिका में फैल रहा डेल्टा वेरिएंट
सीडीसी के अनुमान के मुताबिक, पांच जून तक अमेरिका में संक्रमण के मामलों में से 9.9 फीसदी के पीछे वजह डेल्टा वेरिएंट था. वायरस के वेरिएंट्स पर नजर रखने वाली वेबसाइट ‘आउटब्रेक डॉट इन्फो’ के अनुसार, 13 जून तक डेल्टा वेरिएंट के मामले 10.3 फीसदी हो गए. सीएनएन की एक रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि महीने भर के भीतर अमेरिका में डेल्टा वेरिएंट सबसे प्रभावशाली वेरिएंट बन सकता है.
बीते हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके मुख्य सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची ने आगाह किया था कि नोवेल कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट बहुत अधिक संक्रामक है, यह ब्रिटेन में 12 से 20 वर्ष के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है और वहां सबसे हावी वेरिएंट साबित हो रहा है. अमेरिका में बीते कुछ महीनों से कोरोना वायरस के मामलों में कमी आ रही है लेकिन टीकाकरण की धीमी गति के मद्देनजर चिंता जताई जा रही है कि डेल्टा वेरिएंट यहां फिर से कहर बरपा सकता है.