अहमदाबाद। एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा गुजरात के सोमनाथ मंदिर को ध्वस्त करके उसे लूटने वाले इस्लामी आक्रांता महमूद गजनी का गुणगान करता हुआ वीडियो वायरल होने के बाद अब गुजरात पुलिस हरकत में आ गई है। पत्रकार जनक दवे के अनुसार पुलिस ने मौलाना के खिलाफ FIR दर्ज करते हुए पकड़ने की कोशिशें तेज कर दी है। जानकारी के मुताबिक मौलाना की पहचान हो गई है और उसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
सोमनाथ :
पुलिस ने एक मौलाना के खिलाफ FIR करते हुए उसे पकड़ने की कोशिशें तेज कर दी है।सोमनाथ मंदिर पर अबतक हुए हमलों का जिक्र करते भड़काऊ बातें मौलाना ने अपने वीडियो के जरिए शेयर की थी।
मिली जानकारी के मुताबिक मौलाना की पहचान हो चुकी है,उसे जल्द गिरफ्तार किया जायेगा।@ippatel pic.twitter.com/A2LXPuLrBI
— Janak Dave (@dave_janak) March 16, 2021
इस मुस्लिम शख्स की पहचान इरशाद रशीद के रूप में हुई है। वह 2016 से ‘जमाते आदिला हिंद’ नाम से एक इस्लामी यूट्यूब चैनल चला रहा है। कट्टरपंथी इस्लामवादी अतीत में कई बार हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने और सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने के लिए अपने इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर चुका है।
वायरल वीडियो में वो व्यक्ति ‘बिस्मिल्लाह ए रहमान ए रहीम’ से अपनी बात की शुरुआत करते हुए बताता है कि वो गुजरात के उस सोमनाथ मंदिर के पास आया हुआ है, जिसे कभी महमूद गजनवी और मोहम्मद इब्ने काजिम ने ‘फतह’ किया था। उसने मुस्लिमों को सलाह देते हुए कहा कि हमारे कारनामे रोशन बाग़ के अंदर लिखे हुए हैं और जरूरत है कि अभी वाली नस्ल अपने पूर्वजों के उन कारनामों को पढ़े, जैसे महमूद गजनवी ने दरिया को पार कर के पूरे हिंदुस्तान को ‘फतह’ किया था। उसने कहा कि आज का इतिहास भले ही उन्हें चोर-डाकू या जो भी कहे, लेकिन असली इतिहास उन्हें दीन और इस्लाम का प्रसार करने वाला बताया है।
महमूद गजनवी के महिमामंडन वाला इरशाद रशीद का वीडियो वायरल होने के बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स ने नाराजगी जताई और कट्टरपंथी इस्लामवादी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की।
रोष के बाद, रशीद ने आज अपने चैनल पर एक वीडियो मैसेज अपलोड किया। इसमें उसने वायरल हुए वीडियो के लिए माफी माँगी। रशीद का दावा है कि उसने उस वीडियो को उस समय रिकॉर्ड किया था जब वह 4 मई, 2019 को सोमनाथ मंदिर गया था। उसका कहना है कि छोटे वीडियो की शूटिंग के पीछे उनका उद्देश्य केवल हिंदू मंदिर की प्रशंसा करना था। उसने मीडिया और कुछ सोशल मीडिया यूजर्स पर उसके पुराने वीडियो को विकृत करने और गलत ढंग से पेश कर उसे गलत दिखाने का आरोप लगाया।
इरशाद रशीद ने अपने वीडियो मैसेज में कहा, “मेरा इरादा भारतीयों या मेरे गुजराती भाइयों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना या हिंदू पूजा स्थल का अपमान करना नहीं था। चाहे मंदिर हो, मस्जिद हो या चर्च हो, यह सभी हमारे पूजा स्थल हैं। मेरा इरादा मंदिर का अपमान करने या किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का नहीं था।”