गाजियाबाद/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के डासना इलाके स्थित एक देवी मंदिर में आसिफ नाम के एक बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल करते हुए दावा किया गया था कि पानी पीने के कारण उसके साथ ऐसा किया गया। मगर मंदिर के पंडित और स्थानीय लोग इससे इतर ही इसकी कहानी बताते हैं। हालाँकि, अब इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है।
आसिफ से मिलने के लिए स्थानीय विधायक असलम चौधरी से लेकर दिल्ली की पूर्व विधायक अलका लांबा, कॉन्ग्रेस के जिला अध्यक्ष विजेंद्र यादव समेत अनेक विपक्षी नेता का ताँता लगा हुआ है। सोमवार (मार्च 15, 2021) को धौलाना के बसपा विधायक असलम चौधरी आसिफ के घर पहुँचे और उसका हाल चाल लिया। इस दौरान असलम ने कहा कि कोई भी धार्मिक स्थल हो, उन पर सभी का अधिकार होता है। देवी मंदिर भी उनके वंशजों की विरासत है। माफिया व अपराधिक प्रवृत्ति के लोग अमन बिगाड़ना चाहते हैं। जिला प्रशासन से ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की।
असलम ने कहा, “डासना मंदिर हमारे पूर्वजों का मंदिर है। यह मंदिर हमारे पूर्वजों ने बनाया है। यहाँ पर कुछ गुंडे प्रवृत्ति के लोग आ गए। कुछ लोगों ने बाहर से आकर मंदिर पर कब्जा करना चाहा और तरह-तरह की एक्टीविटी करके यहाँ के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। मगर यहाँ के हिंदू-मुसलमान के बीच इतनी एकता है कि उन्होंने इसे बिगड़ने नहीं दिया। हम इन गुर्गों को बताना चाहेंगे कि मंदिर हमारी विरासत है। हम पानी पीने भी जाएँगे, अपनी मंदिर की देख-रेख करने भी जाएँगे। मैं मंदिर में जाऊँगा। मैं देखता हूँ कि कौन रोकता है।”
कार्रवाई के बारे में बात करते हुए असलम ने कहा कि बच्चे को पीटा और शाम तक वो जेल चला गया। उन्होंने कहा कि वो सबसे पहले डीएम, एसपी को लिख कर उस बोर्ड को हटवाएँगे, जिस पर ‘यहाँ मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है’ लिखा है।
उन्होंने कहा, “यह जो बाबा है, वह बहुत बड़ा गुंडा है, माफिया है, इसने माहौल बिगाड़ने का काम किया है। वो जो बिहार का गुंडा आसिफ पर लात मार रहा था। अगर हम जैसे लोगों को उस टाइम पर पता चल जाता तो बवाल बड़ा हो जाता। अब वह जेल में है। इस बच्चे की पैरोकारी करेंगे। उसकी जमानत भी नहीं होने देंगे।”
बता दें कि धौलाना से बसपा विधायक असलम चौधरी की दबंगई पहले भी देखने को मिली है। पिछले दिनों उनके दबंगों को टोल पर हफ्ता वसूली करते हुए देखा गया था और मना करने पर उनके साथ मारपीट भी की गई थी। विधायक और उनके गुंडों ने टोल कर्मियों को इस कदर पीटा कि उन्हें घायल कर दिया।
इधर, मंदिर के महंत यति नरसिंहानन्द सरस्वती का कहना है कि शिव शक्ति धाम डासना के द्वार पर ही सरकारी नल है। अगर किसी को पानी पीना होता तो उसे अंदर आने की कोई जरूरत ही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि शिवशक्ति धाम डासना को उजाड़ने का षड्यंत्र रचा गया है। उन्होंने कहा कि मंदिर में चार बार चोरी हो चुकी है।
आए दिन दर्शन करने वाली महिलओं व युवतियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएँ हो रही हैं। बता दें कि मंदिर के मुख्य द्वार पर ही एक बोर्ड भी लगा है, जिसमें साफ अक्षरों में लिखा है- ‘यहाँ मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है।’ ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह बोर्ड 7-8 वर्षों से टँगा है। उन्होंने कहा, “पिछले वर्ष यहाँ के विधायक असलम चौधरी का बेटा मंदिर में लड़की छेड़ रहा था, जिसकी पिटाई हुई थी। वो भी नाबालिग था। तब ‘The Quint’ या ‘The Wire’ आया क्या?”
एक स्थानीय व्यक्ति जो मंदिर का पुजारी भी है, ने इस घटना पर बताया था, “कॉलोनी की महिलाएँ और लड़कियाँ यहाँ आती हैं। ये मुस्लिम लड़के आकर छेड़खानी करते हैं। वो लड़का यहाँ पर चोरी करने ही आया था। इनको मदरसे में सिखाया जाता है कि हम इनके दुश्मन हैं। सोचने वाली बात है कि यहाँ पर 50 मस्जिद है, लेकिन वो वहाँ न जाकर मंदिर में क्यों आया? इस मंदिर में पहले भी 4 बार डकैती हो चुकी है। पिटे हैं यहाँ के पुजारी। हम चोरों से अपनी संपत्ति बचा रहे हैं। इस मंदिर से लाखों-करोड़ों की संपत्ति चोरी हो गई है।”