लखनऊ। शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों को हटाने के संबंध में याचिका दाखिल करने के बाद मुस्लिम समुदाय में गुस्सा इतना अधिक बढ़ गया है कि खुलेआम उनके सिर कलम करने पर इनाम देने की घोषणा कर दी।
इस बीच वसीम रिजवी ने मंगलवार (मार्च 16, 2021) को एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में रिजवी ने अपने खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर मौलानाओं पर निशाना साधा और कहा कि हाथ हमारे पास भी हैं और गिरेबान तुम्हारे पास, लेकिन हम नहीं चाहते कि माहौल खराब हो।
वसीम रिजवी ने कहा, “मौलाना कल्बे जव्वाद, टीले वाली मस्जिद के इमाम और सुन्नी धर्मगुरु अब्दुल वली फारुकी अपने गुंडे भेजकर शियों के घरों पर गली-गलौच और इबादतगाह में तोड़फोड़ और बदतमीजी करवा रहे हैं, वो सही नहीं है। आपको लखनऊ शहर का माहौल खराब करने की इजाज़त किसी ने नहीं दी है।”
उन्होंने कहा, “मैंने अभिव्यक्ति की आज़ादी के तहत अपनी बात सुप्रीम कोर्ट में रखी है, जिसमें मौलाना कल्बे जव्वाद भी पार्टी हैं। वो चाहें तो अपनी बात सुप्रीम कोर्ट में रख सकते हैं लेकिन सड़कों पर माहौल खराब करना यह गैर जिम्मेदाराना हरकत है। हाथ हमारे पास भी हैं और गिरेबान तुम्हारे पास भी है लेकिन हमने लखनऊ शहर का माहौल खराब करने की कोशिश नहीं की।”
बता दें कि तालकटोरा में स्थित कर्बला में बनी वसीम रिजवी की हयाती कब्र को तोड़ डाला गया है। इस संबंध में विरोध करने पर कर्बला के मुतवल्ली फैजी की जम कर पिटाई की गई। इस मामले में तालकटोरा थाने में मामला दर्ज करके आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस घटना के बाद ही रिजवी ने वीडियो जारी किया।
#Breaking | After Waseem Rizvi’s family grave is allegedly vandalised, UP Police registers FIR in the case.
Amir with an #Exclusive ground report. pic.twitter.com/RDBTMGeYUf
— TIMES NOW (@TimesNow) March 16, 2021
गौरतलब है कि पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि अयोध्या की विवादित ज़मीन हिन्दुओं को दे दी जानी चाहिए। शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन रिजवी ने कहा कि न सिर्फ़ अयोध्या बल्कि मथुरा और काशी सहित उन सभी 11 मस्जिदों को हिन्दुओं को सौंप दी जानी चाहिए, जो मुग़ल बादशाहों ने मंदिर तोड़ कर बनवाए थे। इसमें दिल्ली की क़ुतुब मीनार परिसर में स्थित मस्जिद सहित गुजरात की मस्जिदें भी शामिल हैं।
असम सरकार द्वारा नवंबर से राज्य में सरकारी मदरसों को बंद करने के फैसले का स्वागत करते हुए शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा था कि जब तक सब धर्म के बच्चे एक साथ बैठकर नहीं पढ़ेंगे तब तक कट्टरपंथी मानसिकता, इस्लाम के गलत प्रचार और दूसरे धर्मों से नफरत खत्म नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मदरसे पूरी तरह से बंद होने चाहिए और उन्हें स्कूलों में कन्वर्ट कर देना चाहिए। हर धर्म का सम्मान होना चाहिए।
हाल ही में मुरादाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अमीरुल हसन जाफरी ने रिजवी का सर काट कर लाने पर 11 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि घोषित इनाम की व्यवस्था वह अपने पास से और बार एसोसिएशन के लोगों के माध्यम से एकत्र करेंगे और अगर इसके बाद भी रकम कम पड़ जाती है तो वो अपनी औलाद को बेच देंगे, लेकिन वसीम रिजवी का सिर क़लम करने वाले को पूरा इनाम देकर रहेंगे।