लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी यूँ तो पंजाब की जेल में है और वहाँ की कॉन्ग्रेस सरकार पर उसके यूपी प्रत्यर्पण में बाधा डाल कर उसे बचाने के आरोप लग रहे हैं, लेकिन राजधानी लखनऊ में उसकी अवैध सम्पत्तियों पर कार्रवाई जारी है। मुख़्तार अंसारी के करीबी शाहिद के हजरतगंज स्थित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है। ये कार्रवाई लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने की है।
हजरतगंज स्थित साहू सिनेमा के बगल में रानी सल्तनत प्लाजा की चौथी मंजिल पर बुलडोजर चला। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए वहाँ भारी पुलिस बल की तैनाती भी की गई थी। जिलाधिकारी (DM) और लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के निर्देश के बाद उक्त मंजिल पर स्थित सभी 10 दुकानों को तोड़ दिया गया। चौथी मंजिल अवैध तरीके से बनाया गया था।
डीएम ने जानकारी दी कि इस मंजिल को पास कराए गए मानचित्र के विपरीत बनाया गया था और इस सम्बन्ध में कई बार नोटिस भेजी जा चुकी थी। कॉम्प्लेक्स के मालिक को इस अवैध निर्माण को तोड़ने को कहा गया था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इसलिए, शनिवार (मार्च 6, 2021) की सुबह LDA ने ये कार्रवाई की। पहले दुकानें तोड़ी गईं, फिर दीवारों को ध्वस्त किया गया। छत को सबसे अंत में जमींदोज किया गया।
Lucknow Development Authority begins demolition of the illegal properties of people associated with gangster-turned-politician Mukhtar Ansari. Visuals from Hazratganj. pic.twitter.com/l9lCx68f7S
— ANI UP (@ANINewsUP) March 6, 2021
कार्रवाई करने के लिए सुबह का वक़्त इसीलिए चुना गया क्योंकि तब हजरतगंज में भीड़भाड़ कम होती है और बाजार बंद रहता है। प्रशासन का कहना है कि राजधानी क्षेत्र में बनी ऐसी अवैध संपत्तियों को चरणबद्ध तरीके से तोड़ा जा रहा है। उक्त इमारत का नाम ‘रानी सल्तनत’ है, जो गाँधी आश्रम के बगल में स्थित है। यूपी सरकार मुख़्तार अंसारी और उसके पूरे गैंग के अवैध कामकाज को ख़त्म करने में लगी हुई है।
उधर माफिया नेता के दोनों बेटे गुरुवार को हजरतगंज कोतवाली दोबारा पहुँचे। लगभग 45 मिनट तक पूछताछ किए जाने के बाद उन्हें 2 सप्ताह बाद आने का निर्देश दिया गया। पुराने दरोगा के रिटायर होने के कारण नए विवेचक को पूरे मामले का नए सिरे से अध्ययन करना पड़ रहा है। मामला अगस्त 2020 में हुए धोखाधड़ी के मामले के FIR से जुड़ा है। आरोपितों को दस्तावेजों के साथ फिर बुलाया गया है।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से पंजाब सरकार ने कहा था कि यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार को अंसारी को रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश के बाँदा जेल में ट्रांसफर करने की माँग करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से पंजाब की अमरिंदर सरकार और रूपनगर जेल प्रशासन को निर्देश देने की माँग की कि मऊ के विधायक मुख़्तार अंसारी की हिरासत जल्द से जल्द यूपी के बाँदा जिला जेल को सौंप दी जाए।