लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लव-जिहाद और धर्म धर्मांतरण की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा सख्त कदम उठाया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी गई है। इस कानून के लागू होने के बाद छल-कपट व जबरन धर्मांतरण के मामलों में एक से दस वर्ष तक की सजासजा हो सकती है। खासकर किसी नाबालिग लड़की या अनुसूचित जाति-जनजाति की महिला का छल से या जबरन धर्मांतरण कराने के मामले में दोषी को तीन से दस वर्ष तक की सजा भुगतनी होगी।
सीएम योगी की अध्यक्षता में कुल 21 प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिनमें सर्वाधिक चर्चित और प्रतीक्षित धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश को भी स्वीकृति दे दी गई। जबरन धर्मांतरण को लेकर तैयार किए गए मसौदे में इन मामलों में दो से सात साल तक की सजा का प्रस्ताव किया गया था, जिसे सरकार ने और कठोर करने का निर्णय किया है। इसके अलावा सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में भी तीन से 10 वर्ष तक की सजा होगी। जबरन या कोई प्रलोभन देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराया जाना अपराध माना जाएगा।
मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांट साल की जेल की सजा का प्रावधान है। एससी/एसटी समुदाय की महिलाओं और नाबालिगों के धर्मांतरण पर 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन से दस साल की जेल की सजा होगी।
कोरोना वायरस संक्रमण काल में सीएम योगी आदित्यनाथ वैश्विक महामारी पर अंकुश लगाने के नित नए प्रयास के साथ ही विकास कार्य को भी वरीयता दे रहे हैं। अपनी कैबिनेट के साथ बैठक में भी सीएम योगी आदित्यनाथ का फोकस विकास के कार्य के साथ ही प्रदेश की कानून-व्यवस्था सुधारने पर भी रहता है। लव जिहाद भी कानून-व्यवस्था का बड़ा मामला बनता जा रहा है। प्रदेश सरकार ने इस पर भी नियंत्रण लगाने के लिए धर्मांतरण अध्यदेश लेकर आई है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में लव जिहाद कानून पर विस्तृत चर्चा के बाद इस पर मुहर लगा दी गई है। हाई कोर्ट की ओर से आए फैसले के बाद थोड़ा बदलाव करते हुए राज्य सरकार ने एक धर्म से दूसरे धर्म में शादी पर नया कानून सरकार ने पास किया है।
देश के कई राज्यों की तर्ज पर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी लव जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए कड़ा कानून ले आई है। इस मसौदे पर मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद मुहर लग गई। उत्तर प्रदेश में अब लव जिहाद के नाम पर लड़कियों तथा महिला से धर्म परिवर्तन कराने के बाद अत्याचार करने वालों से सख्ती से निपटने की तैयारी है। अब दूसरे धर्म में शादी से दो माह पहले नोटिस देना अनिवार्य हो गया है। इसके साथ ही डीएम की अनुमति भी जरूरी हो गई है। नाम छिपाकर शादी करने पर 10 साल की सजा हो सकती है।