अमित बहेरे पहले भी बीजेपी और आरएसएस से जुड़े लोगों के खिलाफ नफरत फैला चुका है। अब वह ट्विटर पूर्व क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे चेतन चौहान की मौत का जश्न मना रहा है। चौहान कोरोना से संक्रमित थे। इलाज के दौरान रविवार को मेदांता में उनकी मृत्यु हो गई थी।
जब सभी लोग महामारी की वजह से चौहान की असमय मृत्यु का शोक मना रहे थे, संवेदनाएँ जता रहे थे, तभी बहेरे ने उनको लेकर घृणा से भरी टिप्पणी की। उसने कहा कि उसे इस बात की बेहद ख़ुशी है कि भाजपा नेता की मौत हुई। वह चाहता है कि भाजपा के ज़्यादा से ज्यादा नेताओं की मौत हो। उसने अपने ट्वीट में लिखा, “मैं चाहता हूँ कि मौत से पहले उन्हें (भाजपा के नेताओं) बहुत पीड़ा हो।”
इसके बाद उसने मनोहर पार्रिकर, अरुण जेटली और चेतन चौहान के लिए अपशब्द भी लिखे। अंत में उसने लिखा कि चाहता है कि यह सारे नेता मर जाएँ।
इस ट्रोल (अमित बहेरे) को कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के तमाम बड़े नेता भी फॉलो करते हैं। इसके अलावा कई बड़े मीडिया समूहों के मशहूर पत्रकार भी उसे फॉलो करते हैं। इसमें बरखा दत्ता का मोजो, स्वघोषित फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ का सह संस्थापक हर्ष मंदर जैसे लिबरल शामिल हैं।
लेकिन हैरानी की बात है कि यह पहला ऐसा मौक़ा नहीं है जब उसने इस तरह सोशल मीडिया पर नफ़रत फैलाई हो। यह वही ट्रोल है जिसने कुछ समय पहले कहा था ‘संघियों को गटर में होना चाहिए।’ इस साल जनवरी में एक ट्विटर यूज़र ने अपनी 90 वर्षीय दादी को ‘प्राउड भक्त’ कहा। इस बात को केंद्र में रखते हुए अमित ने ट्विटर पर कहा जब उसकी दादी की मौत होगी, तब वह उन्हें भी गटर में फेंक देगा। बाद में अपने बच्चों को बताएगा भी कि उसने ऐसा क्यों किया।
इसके पहले रक्षा विश्लेषक अभिजीत अय्यर मित्रा ने भी इस इंसान द्वारा फैलाई गई नफ़रत के बारे में बताया था। अभिजीत ने एक स्क्रीनशॉट साझा किया था, जिसमें अमित कह रहा था कि वह चाहता है कि अरुण जेटली जैसे नेताओं को धीमी और पीड़ा से भरी मौत मिले। इसके बाद उसने यह भी कहा कि वह कैसे वह इन मौतों की ख़ुशी मनाएगा। इसके अलावा उसने मनोहर पार्रिकर के बारे में भी ज़हर उगला था।