फेसबुक इंडिया की पॉलिसी डायरेक्टर आँखी दास ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल से शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया के जरिए उन्हें जान से मारने की धमकियाँ दी जा रही है। ज्ञात हो कि आँखी दास को ये धमकियाँ कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता राहुल गाँधी द्वारा फेसबुक पर भाजपा का पक्ष लेने के आरोप लगाने के बाद मिल रही है।
इंडिया टुडे की पत्रकार ऐश्वर्या पालीवाल द्वारा शेयर की गई जानकारी के अनुसार, आँखी दास ने एक शिकायत दर्ज की और दिल्ली पुलिस से धारा 354A, 499, 500, 506, 507, और 509 के अलावा, उनकी जान और शरीर से सम्बन्धित, लैंगिक टिप्पणी करने और उन्हें बदनाम करने को लेकर IPC की अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है।
Complaint filed by Ankhi Das (Director Public Policy, Facebook)
She has lodged a complaint against people who have been threatening her. pic.twitter.com/b4Hu07S3LY— Aishwarya Paliwal (@AishPaliwal) August 17, 2020
आँखी दास ने फेसबुक और ट्विटर पर कॉन्ग्रेस समर्थक साकेत गोखले और अरशद खान (राष्ट्रीय समन्वयक, सोशल मीडिया, एनएसयूआई) सहित कई यूजर्स का नाम लिया है। उन्होंने कहा कि वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा प्रकाशित लेख में लगे आरोपों के बाद उन पर हमले हुए हैं।
कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने विदेशी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के लेख का हवाला देते हुए रविवार (अगस्त 16, 2020) को भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को पर भारत में फेसबुक (Facebook) और व्हॉट्सएप (Whatsapp) पर नियंत्रण या कब्जा करने का आरोप लगाया था। लेख में फेसबुक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए गए थे।
कॉन्ग्रेस ने यह भी दावा किया कि आँखी दास की नज़दीकी रिश्तेदार रश्मि दास जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एबीवीपी की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल के लेख में कहा गया है कि फेसबुक ने बीजेपी को लेकर व्यापक पैमाने पर अनुचित तरजीही दी है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने दावा किया है कि भारत में फेसबुक ने भाजपा नेताओं के ‘हेट स्पीच’ वाली पोस्ट्स के खिलाफ जान-बूझकर कोई एक्शन नहीं लिया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत में फेसबुक की टॉप पब्लिक पॉलिसी एग्जीक्यूटिव आँखी दास ने भाजपा से जुड़े ग्रुप्स और कम से कम 4 लोगों पर हेट स्पीच रूल्स लागू करने का विरोध किया था और यह उस विस्तृत योजना का हिस्सा था, जिसके तहत फेसबुक ने भाजपा और ‘कट्टरपंथी हिंदुओं को फेवर’ किया।