लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में भी तमाम रिकॉर्ड बनाने वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने 20 अगस्त से विधानमंडल का मानसून सत्र आयोजित किया गया। इसके लिए सत्र के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ कोविड प्रोटोकॉल के सभी नियमों को आवश्यक किया गया है। सत्र के लिए जारी गाइडलाइन के तहत विधानसभा सचिवालय में अभी तक कुल 507 अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच हुई है। इनमें से 22 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।
20 अगस्त से विधानमंडल के चार दिवसीय मानसून सत्र से तीन दिन पहले की कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच में विधानसभा सचिवालय के 22 अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव है। रैपिड एन्टीजन टेस्ट में 22 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अब इनके सैंपल का कोविड-19 टेस्ट होगा। सोमवार को दो घंटे की जांच में 22 कर्मचारी की रिपोर्ट पॉजिटिव है।
विधानमंडल का चार दिवसीय मानसून 20 अगस्त से शुरू होना है। इस सत्र को विशेष माना जा रहा है। सत्र की तैयारियों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने दलीय नेताओं के साथ बैठक की थी। इस बैठक में कोरोना प्रोटोकॉल के साथ सत्र चलाने पर सहमति बनी थी। सत्र के दौरान विधानभवन की कैंटीन बंद रखने का निर्णय लिया गया। सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में कम से कम लोग आएं इसके लिए पूर्व विधायक, सांसद के विधानसभा का स्थायी पास भी स्थगित किया गया।
वहीं विधानसभा सदस्यों के बैठने का क्रम भी बदल दिया गया। दर्शक दीर्घा में दर्शकों के बजाए विधान सभा के सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। सत्र के दौरान परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रखी जायेगी। कोरोना के दौरान आयोजित किए जा रहे इस सत्र में सरकार किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहती है।