नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने तबलीगी जमात के चीफ मौलाना साद के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है। दिल्ली के निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के मरकज में मार्च के मध्य में एक बड़ा धार्मिक आयोजन हुआ था, जो बाद में कोरोना महामारी का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बना।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मौलाना साद समेत 9 लोग ईडी की रेडार पर हैं। ईडी मौलाना साद के ट्रस्ट और इस ट्रस्ट के लेन-देन की भी जांच करेगी। इससे पहले, दिल्ली पुलिस की क्राइम बांच ने निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के मरकज से देशभर में फैली कोरोना वायरस महामारी के चलते मौलाना साद के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया।
दिल्ली पुलिस की ओर से मौलाना साद समेत 17 लोगों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया लेकिन इसमें से 11 लोग खुद को क्वारंटाइन बताकर पुलिस के सामने आने से बच रहे हैं। मौलाना साद ने भी खुद को क्वारंटाइन बताया था।
निजामुद्दीन थाना प्रभारी की शिकायत पर 31 मार्च को क्राइम ब्रांच थाने में मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने कहा कि शुरू में कार्यक्रम के आयोजन को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल कई लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो जाने के बाद उनके खिलाफ एफआईआर में आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) शामिल की गई है। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ विदेशियों के खिलाफ वीजा नियमों के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है।
तबलीगी जमात घटना के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने 21 मार्च को निजामुद्दीन मरकज के अधिकारियों से संपर्क किया और उन्हें सरकार के उस आदेश की याद दिलाई जिसमें किसी भी राजनीतिक या धार्मिक आयोजन में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने पर रोक लगाई गई थी।
इसमें कहा गया है कि बार-बार के प्रयासों के बावजूद, कार्यक्रम के आयोजकों ने स्वास्थ्य विभाग या किसी अन्य सरकारी एजेंसी को इस संबंध में सूचना नहीं दी और जानबूझकर सरकारी आदेशों की अवहेलना की। इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भाग लिया था और उनमें से कई लोगों के जरिये कोरोना वायरस का संक्रमण अन्य लोगों तक फैला।