राजेश श्रीवास्तव
लखनऊ। कोरोना वायरस से बचाव करने में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस वालों पर पथराव की खबरें खूब सुनने में आ रही हैं, ये वाकई शर्मनाक है । लोगों को ये समझ में क्यों नहीं आ रहा है पुलिस की बात ना मानकर, स्वास्थ्यकर्मियों के निर्देशों का पालन ना कर ये लोग सिर्फ अपनी और अपनों को बीमार करने की साजिश का हिस्सा बन रहे हैं । पथराव की खबरों के बीच ये एक खबर पुलिस वालों पर पत्थर फेंकने वालों को जरूर देखनी चाहिए ।
बेसहारा महिला का सहारा बने पुलिसवाले
ये जो तस्वीर हम आपको दिखा रहे हैं वो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की है । जहां कुछ पुलिसकर्मियों ने मिलकर इंसानियत की एक नई मिसाल पेश कर दी है । पुलिसकर्मियों ने ना सिर्फ एक बेसहारा महिला को अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया बल्कि उसकी मृत्यु होने पर उनके बेटे की तरह अंतिम संस्कार के लिए शव को कंधा भी दिया । पुलिस वालों का ये कदम वाकई उन पर पत्थर फेंकने वालों के मुंह पर एक चांटा है ।
कर्तव्य पर डंटी है खाकी
जानकारी के मुताबिक सहारनपुर क्षेत्र में एसएसआई दीपक चौधरी, सिपाही गौरव और विनोद ने बिलकुल एक बेटे की तरह ही इस बेसहारा, बेघर महिला के शव को कंधा दिया । पुलिसकर्मी शव को शमशान घाट पर ले गए जहां ग्रामीणों की मदद से महिला का अंतिम संस्कार किया गया । इस दौरान भी पुलिस की पूरी टीम ने फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ ही अपनी सुरक्षा का ध्यान भी रखा।55 वर्ष की थी महिला
बताया जा रहा है कि सहारनपुर के बडग़ांव कस्बे के गांव किशनपुरा निवासी हरिया की विधवा 55 वर्षीय मीना मजदूरी कर गुजर बसर करती थीं लॉकडाउन के चलते उसके सामने दिक्कतों को पहाड़ बन गया । वह बीमार भी हो गई । क्षेत्र में भोजन वितरण कार्यक्रम के दौरान जब पुलिस उसके घर पहुंची तो उसकी तबीयत बहुत खराब देखते हुए उसे सरकारी अस्पताल भिजवाया था। कोई रिश्तेदार न होने के कारण पुलिस की गाड़ी में ही महिला को ले जाया गया । जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई । जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उनके शव को कंधा दिया और अंतिम संस्कार किया ।