विरोध का अधिकार, सड़क बंद करने का नहीं… बातचीत से हल नहीं तो एक्शन की खुली छूट: शाहीन बाग पर SC

नई दिल्ली। सवाल यह नहीं है कि लोग विरोध कर रहे हैं। हर कोई विरोध करने लगेगा तो क्या होगा? सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी सोमवार को दिल्ली के शाहीन बाग में दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे विरोध-प्रदर्शन को लेकर की। अदालत ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को मध्यस्थ नियुक्त करते हुए प्रदर्शनकारियों से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस मसले पर अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।

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The Supreme Court has fixed the matter for further hearing on Monday, 24th February. https://twitter.com/ANI/status/1229329891142668288 

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Supreme Court asks who can be appointed to go to persuade/talk to Citizenship Amendment Act protesters from Shaheen Bagh. Names of Senior Advocate Sanjay Hegde and Sadhana Ramachandran, came up during the hearing for being appointed as an interlocutor to talk to the protesters. https://twitter.com/ANI/status/1229325085485359104 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा जनजीवन को ठप करने की समस्या से जुड़ा है। विरोध के नाम पर सब सड़क पर उतरने लगे तो क्या होगा? कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र लोगों की अभिव्यक्ति से ही चलता है, लेकिन इसकी एक सीमा है। अगर सभी सड़क बंद करने लगे तो परेशानी खड़ी हो जाएगी। यातायात बंद नहीं होना चाहिए। विरोध-प्रदर्शन का तरीका होता है। सभी के पास विरोध करने का अधिकार है, लेकिन सड़क बंद करने का नहीं।

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Supreme Court asks who can be appointed to go to persuade/talk to Citizenship Amendment Act protesters from Shaheen Bagh. Names of Senior Advocate Sanjay Hegde and Sadhana Ramachandran, came up during the hearing for being appointed as an interlocutor to talk to the protesters. https://twitter.com/ANI/status/1229325085485359104 

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Supreme Court starts hearing the petitions seeking appropriate directions to the Centre and others for removal of the Citizenship Amendment Act (CAA) protesters from Shaheen Bagh, near Kalindi Kunj.

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साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “पिछले 64 दिन से प्रदर्शन जारी है, लेकिन आप उन्हें हटा नहीं पाए। अब बातचीत से हल नहीं निकलता है तो हम अथॉरिटी को एक्शन के लिए खुली छूट देंगे।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह सड़क को बंद करके प्रदर्शन करने से दूसरे लोगों को भी आइडिया आएगा और वो भी ऐसा ही करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में चंद्रशेखर आजाद की ओर से पेश वकील ने कहा कि देश में इस तरह के 5000 प्रदर्शन होंगे। इस पर अदालत ने कहा, “हमें 5000 प्रदर्शनों से दिक्कत नहीं हैं, लेकिन रास्ता बंद नहीं होना चाहिए। हमें बस सड़क के जाम होने से चिंता है।”

बता दें कि यह सुनवाई उस याचिका पर चल रही थी जिसमें याचिकाकर्ता ने 2 महीने से बंद सार्वजनिक रास्ते को खोलने का आदेश देने की अपील शीर्ष अदालत से की थी। याचिका में कहा गया था कि सार्वजनिक रास्तों को रोकने संबंधी गाइडलाइन जारी किया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि शाहीन बाग में CAA और NRC खिलाफ धरना-प्रदर्शन चल रहा है। इसकी वजह से रोड 13ए बंद है। यह रोड दिल्ली और नोएडा को जोड़ती है। सड़क बंद होने की वजह से नोएडा और दिल्ली के बीच सफर करने वालों को कई घंटे फालतू लग रहे हैं। उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी सार्वजनिक जगह पर अनंतकाल तक प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है। हालाँकि सड़क खाली करवाने का कोई आदेश नहीं दिया गया था।

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