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दो घंटे तक सीवर में बेहोश पड़े थे सफाई कर्मचारी, किसी ने नहीं ली सुध
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हाल-फिलहाल जानकीपुरम में खुलेमेन होल में गिरकर हुई थी मासूम की मौत
लखनऊ। एक मई को एक तरफ जहां पूरा प्रदेश और उससे जुड़े सरकारी तंत्र और नागरिक संगठन एक मई को अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाते हुए श्रमिकों के अधिकार व उनके हितों को रेखांकित करने में लगे थे, तो वहीं दूसरी ओर लखनऊ के शहीद स्मारक के पास बने एक सीवर में बिना किसी खास सुरक्षा उपकरणों के सफाई को उतरे दो मजदूरों की सांसें थम गईं और वो वहीं पर नगर वासियों की गंदगी की सफाई करते हुए एक तरह से शहीद हो गये…हालांकि इन मृत मजदूरों को नगर निगम क्या शहीद का दर्जा देगा, यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।
जानकारी के तहत थाना वजीरगंज क्षेत्र में सीवर की सफाई के दौरान दो सफाई कर्मियों की मौत का मामला सामने आया है, जहां शहीद स्मारक के सामने रेजीडेंसी गेट के पास बने सीवर की सफाई के लिए लगाए गए दो कर्मचारियों को मरणासन्न अवस्था में स्थानीय लोगों और पुलिस ने रेस्क्यू कर दोनों कर्मचारियों को सीवर से बाहर निकाला गया और मामले कि सूचना नगर निगम के अधिकारियों देकर दोनों सफाई कर्मचारियों को ट्रामा सेंटर ले जाया गया। सूचना पाकर नगर निगम और जलकल के लापरवाह अधिकारी सफाई कर्मियों की मदद करने भी देरी से मौके पर पहंचे। लापरवाह ठेकेदारों पर जलकल विभाग की मेहरबानी लगातार मजदूरों और आम इंसान की मौत की वजह बनता जा रहा है लेकिन इन लापरवाही अधिकारियों को क्यों बार बार बचाने का काम महापौर और नगर आयुक्त द्वारा किया जा रहा है।
गौर हो कि जलकल विभाग की लापरवाही के चलते जानकी पुरम में आठ वर्षीय मासूम शाहरूख की मौत का मामला अभी लोग भूल भी नहीं पाये थे, कि बुधवार को जलकल विभाग की एक और बड़ी लापरवाही के चलते बुधवार को रेजीडेंसी क्षेत्र में सीवर सफाई का कार्य कराया जा रहा था जिसके चल दो प्राइवेट कंपनी के सफाई कर्मचारियों को बिना सुरक्षा व्यवस्था के ही 25 फीट गहरे सीवर में सफाई के लिए उतार दिया गया। जलकल अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रख के प्राइवेट कंपनी केकेस्पन नामक संस्था को सीवर सफाई का ठेका दिया था।
स्थानीय लोगों ने जब देखा की सीवर में सफाई करने गए काफी देर से कोई हलचल करते नजर नहीं आ रहे है तो संदेह होने पर उन्होंने सीवर में झाँक कर देखा तो अंदर कर्मचारी बेहोश पड़े दिखाई दिए तो उन्होंने इस बात की जानकारी पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने और दमकल टीम ने नगर निगम के अफसरों को सुचना देकर बिना देरी करते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और कड़ी मशक्क्त के बाद दोनों सफाई कर्मियों को बाहर निकाला गया और इलाज के लिए ट्रामा सेण्टर भेजा गया जहां पर इलाज के दौरान एक की मौत हो गई और दूसरे मजदूर हालत गंभीर होने के चलते उसे बलरामपुर अस्पताल भेजा गया जहां उसको मृत घोषित कर दिया।
ऑक्सीजन की कमी के चलते मजदूर हुए बेहोश: एमडी
जल निगम प्रबंध निदेशक राकेश कुमार ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि रेजीडेंसी के पास मेनहोल में सीवर लाइन की टेस्टिंग हेतु सफाई का कार्य करते समय दो मजदूरों की आकस्मिक मृत्यु हो गई। जनपद के 10 वा्डों में सीवर कार्य को मैसस केके स्पन इंडिया लि फरीदाबाद द्वारा सीवर लेइंग का कार्य कराया जा रहा है। बुधवार को रेजीडेंसी के पास टेस्टिंग हेतु सीवर लाइन की सफाई कार्य हेतु अपरान्ह लगभग 03.30 बजे मेनहोल में दो मजदूर बिना किसी सुरक्षा उपकरण एवं विभाग के किसी अधिकारी को सूचित किये हुए मैनहोल लाइन की सफाई के लिये स्थलीय निरीक्षण को उतर गये।
जहाँ पर ऑक्सीजनकी कमी के कारण बेहोश हो गए। इनमें से एक का नाम सोबरन यादव पुत्र शिव दीन यादव, व दूसरे का सुशील यादव पुत्र शोबरन यादव, ग्राम-सरवर पुर, पोस्ट-सह जलालपुर, थाना-कमलापुर, जिला-सीतापुर के निवासी है। आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है एवं विभाग के दोषी अभियंता के विरूद्ध निलम्बन कार्रवाई की जा रही है।
जीएम जलकल ने झाड़ा पल्ला…!
इस मामले मे महाप्रबन्धक जलकल विभाग का कहना रहा कि सीवर में कर्मचारी के अचेत पाये जाने की सूचना पाकर क्षेत्रीय अवर अभियन्ता के साथ स्थलीय निरीक्षण किया। बोले कि घटना स्थल के आस-पास जलकल विभाग की कोई भी सीवर लाइन नहीं है। सीवर में कर्मचारी के अचेत पाए जाने की घटना वर्तमान में उत्तर प्रदेश जल निगम- (नगरीय) द्वारा नई सीवर लाइन के क्रियान्वयन के क्रम में मेसर्स केके स्पन फर्म के माध्यम से कराये जा रहे सफाई कार्य से सम्बन्धित है। घटनास्थल पर जलकल विभाग एवं मै. सुएज इण्डिया द्वारा कोई कार्य नहीं कराया जा रहा है। इस प्रकरण का जलकल विभाग, नगर निगम लखनऊ से कोई सम्बन्ध नहीं है।