नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने कमाल करते हुए फिर से दिल्ली में सरकार बनाने के संकेत दे दिए हैं। जहां कांग्रेस को दिल्ली में पनपने नहीं दिया है, वहीं दिल्ली में कुछ माह पहले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटें जीतने वाली भाजपा को फिर से काफी पीछे रखा है। हालांकि साल 2015 के चुनाव से इस बार भाजपा की सीटें बढ़ी हैं मगर फिर भी ये लोकसभा के परिणामों के मुकाबले अधिक बेहतर नहीं कहा जा सकता है। साल 2015 में जहां भाजपा के पास तीन सीटें थीं वहीं इस बार ये आंकड़ा बढ़ता हुआ दिख रहा है।
भाजपा 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में सीटों के आंकड़ों में काफी पीछे है। हालांकि कुछ सीटों पर भाजपा अभी आप को टक्कर दे रही है। इस समय आप 50 सीटों पर आगे है। जबकि भाजपा 19 सीटें पर आगे है। दोपहर 11.30 बजे तक एग्जिट पोल में ये आंकड़े सामने आए हैं। दोपहर तक स्थिति पूरी तरह से साफ हो जाएगी।
दिल्ली में केजरीवाल ने इस तरह से फिर झाड़ू फेरना शुरू किया है कि कांग्रेस का बिल्कुल सफाया नज़र आ रहा है। वर्ष 1998 से 2013 तक लगातार 15 वर्षो तक दिल्ली की सत्ता संभालने वाली कांग्रेस इस बार भी खाता खोलने की स्थिति अभी नहीं दिख रही है। इस तरह से दिल्ली में स्थिर सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा मजबूत विपक्ष दे पाएगी अभी इस पर भी संशय है।
फिलहाल जब तक सभी सीटों पर मतगणना नहीं हो जाती है, सबकुछ साफ कह पाना मुश्किल होगा। यदि इस बार भी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलती है तो दिल्ली में उसके नेताओं पर भी सवालिया निशान उठना तय है। आखिर ऐसा क्यों है कि 15 साल तक दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस बीते दो चुनावों में बेहतर प्रदर्शन तक नहीं कर पाई है।