नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस (Republic Day 2020) के मौके पर दिए जाने वाले देश के प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है. इस बार समाज, मनोरंजन, खेल, स्वास्थ्य, उद्योग, शिक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में काम करने वाली 141 हस्तियों को इन पुरस्कारों के लिए चुना गया है. इनमें 7 पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और देश-विदेश की 118 हस्तियों को पद्म श्री से नवाजा गया है. पद्म विभूषण पाने वाली साल हस्तियों में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का भी नाम है. वहीं, पीवी सिंधु और मनोहर पर्रिकर को पद्म भूषण से नवाजा जाएगा.
16 हस्तियों को पद्म भूषण
इस बार पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए समाज के क्षेत्र में काम करने वाली कई हस्तियों को चुना गया है. 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए कार्य करने वाले कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा लंगर बाबा जगदीश लाल आहूजा, समेत मोहम्मद शरीफ, तुलसी गौड़ा और मुन्ना मास्टर सहित 118 लोगों को पद्म श्री पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है.
1984 के भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के हक की लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. 14 नवंबर 2019 को उनका निधन हो गया था. वहीं, लंगर बाबा के नाम से मशहूर जगदीश लाल आहूजा को भी इस सर्वोच्च पुस्कार से नवाजा गया है. जगदीश आहूजा हर दिन चंडीगढ़ में गरीब मरीजों के परिजनों को मुफ्त में भोजन कराते हैं और उनकी दूसरे तरीकों से भी मदद करते हैं. लंगर बाबा ने 1980 में मुफ्त भोजन परोसना शुरू किया था.
देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
पद्म पुरस्कार जैसे पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार हैं. 1954 में शुरू किए गए इन पुरस्कारों की घोषणा हर वर्ष गणतंत्र दिवस पर की जाती है. ये पुरस्कार आसाधारण कार्य को मान्यता प्रदान करने और सभी क्षेत्रों जैसे कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामलों, प्रशासनिक सेवा, व्यापार और उद्योग आदि के सभी क्षेत्रों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियां हासिल करने और सेवाएं देने के लिए दिया जाता है. किसी भी जाति, व्यवसाय, पद अथवा लिंग का कोई भी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्रता है. डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं.