दयानंद पांडेय
गोरखपुर से अभी तक उत्तर प्रदेश के दो ही मुख्य मंत्री हुए हैं। दोनों ही क्षत्रिय । एक कांग्रेस के वीर बहादुर सिंह और दूसरे , भाजपा के योगी आदित्यनाथ । 1986 में वीर बहादुर सिंह जब मुख्य मंत्री बने तो गोरखपुर में लोग उन्हें मुख्य मंत्री जी कहने लगे । इस के पहले वह बीर बहदुरा थे गोरखपुर के लिए। उन दिनों गोरखपुर में अहमद हसन एस एस पी थे । यही अहमद हसन जो अब सपा में हैं। मुलायम और अखिलेश सरकार में मंत्री रहे हैं।
अहमद हसन तब वीर बहादुर सिंह को माननीय मुख्य मंत्री जी कह कर संबोधित भले करते थे लेकिन उन्हें खुदा की तरह मानते थे । बाद के दिनों में जब वीर बहादुर सिंह मुख्य मंत्री नहीं रह गए , केंद्र में संचार मंत्री बन गए तब भी लोग उन्हें मुख्य मंत्री जी ही कहते रहे। संचार मंत्री बनने के तुरंत बाद एक बार वीर बहादुर सिंह गोरखपुर आए। अहमद हसन तब भी एस एस पी थे। उन के पास बैठा था किसी काम से। अहमद हसन वीरबहादुर के आने की तैयारियों में जुटे पड़े थे। और बार-बार माननीय मुख्य मंत्री जी , माननीय मुख्य मंत्री जी , संबोधित कर रहे थे। जब बहुत हो गया तब मैं ने मुस्कुराते हुए उन्हें टोका कि अब वह संचार मंत्री हैं। सुन कर अहमद हसन भी मुस्कुराए और हाथ जोड़ कर मुस्कुराते हुए बोले , जो भी हों , हमारे लिए , हमारे दिल में तो वह अभी भी माननीय मुख्य मंत्री जी ही हैं। उन की यह अगाध श्रद्धा देख कर कोई तर्क करना बेमानी था। मैं चुप हो गया।
मैं भी वीर बहादुर से मिलने उन के घर गया। पता चला कि वीर बहादुर सिंह के बड़े भाई की बेटी का विवाह था । उन के गांव हरनही से विवाह होना था। लेकिन गोरखपुर में ख़बर उड़ी कि वीर बहादुर सिंह की बेटी की शादी है। गोरखपुर में गोलघर स्थित उन के घर पर प्रशंसकों का तांता लग गया । वीर बहादुर ने सभी को बड़ी बेरुखी से मना किया। कहा कि किसी को न्यौता नहीं दे रहा। किसी को नहीं आना है। पारिवारिक कार्यक्रम है , पारिवारिक ही रहने दीजिए। उन से नाराज लोगों की प्रतिक्रिया थी कि मुख्य मंत्री पद छिन जाने से पगला गया है। लेकिन वीर बहादुर सिंह की बात बहुत से लोगों ने अनसुनी कर दी। शाम तक उन के गांव पहुंचने वालों का तांता लग गया था ।
अभी जब गोरखपुर गया था तो रात 9 बजे के करीब कूड़ाघाट से एक विवाह समारोह से लौट रहा था। गुरुंग तिराहे के पहले ही ट्रैफिक पूरी तरह रोक दी गई। जब 5 मिनट से ज़्यादा हो गया तो पता किया कि बात क्या है आख़िर। बताया गया कि योगी जी एयरपोर्ट से आ रहे हैं। पूछा कि योगी जी कि , मुख्य मंत्री जी ? सभी लोग एक सुर से बोल पड़े कि योगी जी ! हम ने फिर जोड़ा कि , लेकिन अब वह मुख्य मंत्री हैं । लोग कहने लगे कि जो भी हो , गोरखपुर के लिए तो वह योगी जी ही हैं , यही रहेंगे। योगी जी , महाराज जी , यही हम लोग कहते हैं । मैं ने कुरेदा कि योगी जी ने कुछ किया भी है , गोरखपुर के लिए ? लोग एम्स , फर्टिलाईजर , सड़क , चौबीसों घंटे बिजली आदि तक के विवरण देने लग गए। विकास के विवरण अभी खत्म भी नहीं हुए थे कि ट्रैफिक खुल गई थी ।
(वरिष्ठ पत्रकार दयानंद पांडेय के फेसबुक वॉल से)