हमीरपुर/लखनऊ। यूपी के हमीरपुर जिले में दो घटनाओं में 42 गायों की मौत हो गई. रागौल रेलवे स्टेशन के पास एक पैसेंजर ट्रेन ने 36 गायों को काट दिया तो वहीं जलालपुर पुलिस स्टेशन के पास गायों से भरा एक ट्रक पलट गया जिसमें 6 गायें मर गईं. उस ट्रक में 50 गायें भरी हुई थीं.
दरअसल, आवारा पशुओं को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार काफी सख्त हो गई है. सभी जिला और निकाय अधिकारियों को 10 जनवरी तक आवारा पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में रखने के निर्देश दिए गए थे. यह कहा गया था कि आवारा पशुओं को पकड़ने की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. अगर कोई गोशाला में बंद पशु को अपना बताते हुए उसे लेने आता है तो उस पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. हालांकि यह डेडलाइन खत्म हो गई है, लेकिन किसानों को अभी इस समस्या से छुटकारा नहीं मिल पाया है.
एनजीओ किसानों की इस दुर्दशा का फायदा उठाने में लगे हैं
राज्य में अवैध बूचड़खानों पर सख्ती और उन्हें बंद करने के बाद आवारा गाय-बैल की संख्या तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. इन आवारा पशुओं का गांवों में आतंक रहता है और इनसे फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है. आजतक की पड़ताल के दौरान भी यह पता चला था कि कई एनजीओ किसानों की इस दुर्दशा का फायदा उठाने में लगे हैं.
सालाना 1.20 करोड़ रुपए का बजट
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 510 रजिस्टर्ड गोशाला हैं और 50 जिलों में ऐसे अन्य आश्रय स्थल भी बनाए जाएंगे. हर गोशाला के लिए सालाना 1.20 करोड़ रुपए का बजट दिया जाता है. एक अनुमान के अनुसार 90 फीसदी ऐसे आवारा पशुओं में बछड़े या बैल होते हैं, गायें तो महज 10 फीसदी होती हैं. साल 2012 की गणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में करीब 2 करोड़ गायें हैं.