नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केरल पुलिस को शुक्रवार को आदेश दिया कि सबरीमला मंदिरमें प्रवेश करने वाली दो महिलाओं को चौबीस घंटे सुरक्षा मुहैया कराई जाए. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की एक पीठ ने कहा कि वह केवल दो महिलाओं की सुरक्षा के पहलू पर विचार करेगी और किसी अन्य अनुरोध की सुनवाई नहीं करेगी. पीठ ने इस मामले को सबरीमला मामले की लंबित याचिकाओं से साथ जोड़ने से भी इनकार कर दिया.
कनकदुर्गा और बिंदू ने इस महीने की शुरुआत में पुलिस सुरक्षा के बीच मंदिर में प्रवेश किया था. इससे करीब तीन महीने पहले शीर्ष अदालत ने भगवान अयप्पा के मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटाने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था.
सबरीमाला के विशेष आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि माहवारी उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी और अधिक सतर्क हो गए हैं और पुलिस के लिए सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराना मुश्किल हो रहा है क्योंकि रोजाना एक लाख श्रद्धालु इस मंदिर में पूजा करने के लिए आते हैं.