लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलने से किसी भी गेंदबाज की लय बिगड़ सकती है. भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर सिंह को यह सबक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में मिला. उन्होंने इस मैच में 66 रन दे डाले. टेस्ट टीम का हिस्सा रहे भुवनेश्वर को चार मैचों की सीरीज में अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली. वे पहले वनडे में लय में नहीं दिखे थे.
क्या एक महीने तक मैच नहीं खेलने का असर उनके खेल पर हुआ है? भुवनेश्वर ने कहा, ‘इसका असर मेरी लय पर पड़ा है. मैं नेट्स पर लय में गेंदबाजी की कोशिश कर रहा था, लेकिन मैच नहीं खेल रहा था. इसीलिए सिडनी में खेले गए वनडे मैच में मेरी गेंदबाजी में वह लय नहीं थी, लेकिन उतना बुरा भी नहीं था. यह लय बेहतर हो जाएगी.’ भुवनेश्वर भारतीय टीम के साथ नवंबर में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे, लेकिन उन्हें खेलने का मौका जनवरी में मिला.
भुवनेश्वर एक महीने से काफी मेहनत कर रहे थे ताकि मैच लय हासिल कर सकें. उन्होंने कहा, ‘एक बात और. मैं टेस्ट सीरीज के दौरान नेट्स पर वनडे में गेंदबाजी का अभ्यास नहीं कर रहा था. यह टेस्ट के हिसाब से अभ्यास था. मैं सामान्य गेंदबाजी कर रहा था और ओवर बढ़ाता जा रहा था. शुरुआत में चार, फिर छह, फिर आठ और फिर दस ओवर.’
टेस्ट सीरीज के दौरान 100% फिट नहीं थे भुवी
भुवनेश्वर ने कहा कि सीरीज के दौरान पर 100% फिट नहीं थे लेकिन फिलहाल चोटमुक्त हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं फिट था लेकिन 100% नहीं. टेस्ट मैच पांच दिन के होते हैं और मुझे नहीं पता था कि मैं पांच दिन खेल पाउंगा या नहीं. अच्छी बात यह थी कि हमारे पास गेंदबाज थे जो मेरी जगह ले सकते थे और मुझे 100% फिट होने का समय मिला.’
रायडू का गेंदबाजी एक्शन चिंता की बात नहीं
भुवनेश्वर ने यह भी कहा कि अंबाति रायडू के एक्शन को संदिग्ध करार दिए जाने को लेकर टीम प्रबंधन चिंतित नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि एमएस धोनी को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजने की कोई बात नहीं हुई है. उन्होंने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं धोनी को कहां बल्लेबाजी करते देखना चाहता हूं. अहम यह है कि टीम प्रबंधन क्या चाहता है. वे एक से दस तक कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हैं. उनसे जहां भी कहा जाता है, वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.’