क्रिकेट इतिहास में बहुत कम मैच ऐसे हैं जो किसी एक खिलाड़ी की अनोखे प्रदर्शन से यादगार बन गए. इस श्रेणी में एक मैच आज ही के दिन, यानि 15 जनवरी को ठीक तीस साल पहले खत्म हुआ था जो टीम इंडिया के टेस्ट इतिहास में खास अध्याय बन गया. इस दिन भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुए मैच में अपना पहला टेस्ट खेल रहे नरेंद्र हिरवानी ने 16 विकेट लेकर टीम इंडिया को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी.
1987-88 में वेस्ट इंडीज की टीम भारत दौरे पर आई थी. इस दौरे पर दोनों टीमों के बीच टेस्ट सीरीज का चौथा टेस्ट मैच 11 जनवरी से 15 जनवरी तक चेन्नई (तब मद्रास) में खेला गया था, यह एक 19 लेग स्पिनर नरेंद्र हिरवानी का पहला टेस्ट था. स्पिनर के तौर पर आगाज करने वाले हिरवानी ने इस मैच में सनसनीखेज प्रदर्शन किया था. सीरीज के तीन मैच हो चुके थे. पहला टेस्ट जीतकर वेस्टइंडीज ने सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली थी और दूसरा और तीसरा टेस्ट ड्रॉ हो चुका था.
हिरवानी के नाम से जाना जाता है यह मैच
जब मैच शुरू हुआ तब ये कोई नहीं जानता था कि ये मैच हिरवानी के कारण हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो जाएगा. हिरवानी ने इस मैच में ऐसा कारनामा किया, जो न तो उस मैच से पहले किसी ने किया था और न उसके बाद. इस टेस्ट मैच में हिरवानी ने कुल 16 विकेट लेकर वेस्ट इंडीज के बल्लेबाजी को तहस नहस कर दिया. दूसरी पारी में जो उन्होंने 8 विकेट लिए उसमें पांच बल्लेबाजों को किरण मोरे ने स्टंप आउट किया. अपने पहले ही मैच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का कोई भी गेंदबाज ऐसा कारनामा नहीं कर पाया.
पहली पारी में हिरवानी के आगे हुए वेस्टइंडियन्स ढेर
इस मैच में भारत के कप्तान रवि शास्त्री ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. टीम इंडिया ने कपिलदेव के शानदार शतक के दम पर पहली पारी में 382 रन बनाए थे. इसके जवाब में वेस्टइंडीज की टीम हिरवानी की फिरकी में ऐसी उलझी की रिचि रिचर्डसन, विवियन रिचर्ड्स, लोगी, हूपर, डूजॉन, बट्सट डेविस और वाल्श सभी एक एक करके पवेलियन लौट गए और मेहमान टीम 184 रनों पर सिमट गई.
दूसरी पारी में भी हिरवानी छाए दिला दी टीम इंडिया को जीत
टीम इंडिया ने दूसरी पारी 8 विकेट पर 217 रन बनाकर घोषित कर दी जिससे वेस्टइंडीज को जीत के लिए 416 रनों का लक्ष्य मिला. इस बार भी वेस्टइंडीज की टीम हिरवानी की स्पिन को समझने में नाकाम रही और केवल 41.2 ओवरों में ही 160 के मामूली स्कोर पर ढेर हो गई. एक बार फिर हिरवानी ने एक पारी में 8 विकेट लिए और अपने पहले ही टेस्ट में वे 16 विकेट लेने वाले पहले भारतीय और दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने. हिरवानी से पहले ऑस्ट्रेलिया के बॉब मैसी ने 1972 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ 16 विकेट लिए थे मजेदार बात यह है कि हिरवानी ने भी मैसी की तरह दोनों पारियों में 8-8 विकेट लिए थे.
इस मैच को टीम इंडिया ने 255 रनों से जीता था. टीम ने ऐसे समय मैच जीता था जब वेस्टइंडीज टीम ऐसे दिग्गजों से सजी थी जो स्पिनर्स को धोने के लिए खास मशहूर थी. लेकिन यह टीम यहां तक कि कप्तान विवियन रिचर्ड्स भी हिरवानी को समझने में पूरी तरह नाकाम रहे. टीम इंडिया को 9 साल बाद 11 टेस्ट मैच के बाद अपने ही घर में वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ जीत मिली थी.