मेजबान त्रिपुरा की टीम रणजी ट्रॉफी 2018-19 सीजन के आखिरी राउंड में राजस्थान के खिलाफ सोमवार (7 जनवरी) को महज 35 रन पर सिमट गई. पूरी टीम रणजी ट्राफी एलीट ग्रुप सी के इस मैच में महज 18.5 ओवर की बल्लेबाजी कर पाई. इसके साथ ही उसने एक अनचाहा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. यह रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन में किसी भी टीम का सबसे कम स्कोर है. रणजी ट्रॉफी के इतिहास में 35 रन संयुक्त रूप से 12वां सबसे छोटा स्कोर है.
वैसे, 35 रन, त्रिपुरा का इस टूर्नामेंट के इतिहास में भी सबसे कम स्कोर है. इससे पहले उसने 1995-1996 में बंगाल के खिलाफ मैच की दूसरी पारी में 42 रन बनाए थे. उस मैच में त्रिपुरा की टीम पहली पारी में 53 रन पर ऑलआउट हो गई थी. तब त्रिपुरा को पारी और 351 रनों से हार का सामना करना पड़ा था.
अगरतला में खेले जा रहे इस मैच में टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी त्रिपुरा के लिए केवल नीलाम्बुज वत्स ही दोहरे अंक तक पहुंच सके. उन्होंने नाबाद 11 रन बनाए. छह खिलाड़ी शून्य पर आउट हुए. राजस्थान के अनिकेत चौधरी ने पांच और तनवीर उल हक ने तीन विकेट झटके.
राजस्थान की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही. उसके लिए शीर्ष क्रम में कोई बड़ी भागीदारी नहीं बनी. पुछल्ले बल्लेबाज तनवीर उल हक 37 रन बनाकर टीम के लिए शीर्ष स्कोरर रहे, जिससे टीम 51.3 ओवर में 218 रन पर सिमट गई. त्रिपुरा के गेंदबाजों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा, जिसमें एमबी मुरासिंह ने चार विकेट झटके जबकि एस एस दास और नीलाम्बुज वत्स को दो दो विकेट मिले. दिन का खेल खत्म होने तक त्रिपुरा ने दूसरी पारी में बिना विकेट गंवाए चार रन बना लिये थे. वह अभी राजस्थान के स्कोर से 179 से पीछे है.
एक अन्य मैच में तमिलनाडु ने ओपनर अभिनव मुकुंद की नाबाद 104 रन की पारी से एलीट ग्रुप बी के मैच में दिल्ली के खिलाफ तीन विकेट पर 215 रन बना लिए. टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी तमिलनाडु की शुरुआत अच्छी नहीं रही और 42 रन तक उसने दो विकेट गंवा दिए. मुकुंद ने इसके बाद कप्तान बाबा इंद्रजीत (86) के साथ तीसरे विकेट के लिए 155 रन की साझेदारी कर टीम को संकट से उबारा. इस साझेदारी को विकास मिश्रा (71 रन पर दो विकेट) ने तोड़ा. दिन का खेल खत्म होते समय मुकुंद के साथ विजय शंकर (08) क्रीज पर मौजूद थे. दिल्ली के लिए विकास के दो विकेट के अलावा शिवम शर्मा ने एक विकेट लिया.