भारतीय फुटबॉल टीम ने रविवार (6 जनवरी) को यहां एएफसी एशियन कप के ग्रुप-ए के अपने पहले मैच में थाईलैंड को 4-1 से करारी शिकस्त दी. भारत की एशियन कप में आठ मैचों में यह पहली जीत है. इससे पहले टूर्नामेंट के सात मुकाबलों में उसने एक ड्रॉ खेला था, जबकि छह मैचों में उसे हार मिली थी. भारत का अगला मुकाबला गुरुवार को मेजबान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के खिलाफ होगा.
सुनील छेत्री ने इस अहम मैच में भारत के लिए दो गोल किए, जबकि अनिरुद्ध थापा और जेजे लालपेखलुआ ने एक-एक गोल किया. सुनील छेत्री टीम के लिए कुल 67 गोल कर चुके हैं, जबकि थापा का भारत के लिए यह पहला गोल है. भारतीय टीम आठ वर्ष के लंबे अंतराल के बाद इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही है और उसने आखिरी बार थाईलैंड को 1986 में क्वालालंपुर में हुए मेदेर्का टूर्नामेंट में मात दी थी.
भारत ने मैच की सकारात्मक शुरुआत की और अटैकिंग फुटबॉल खेलने का प्रयास किया. तीसरे मिनट में अशिक कुरुनियान ने लेफ्ट फ्लेंक से बॉक्स में शानादार क्रॉस दिया, लेकिन बॉक्स में कोई भी भारतीय खिलाड़ी गेंद को अपने नियंत्रण में नहीं ले पाया. इसके 11 मिनट बाद भारत को 18 गज के बॉक्स के बाहर फ्री-किक मिली. युवा मिडफील्डर अनिरुद्ध थापा ने फ्री-किक ली और थाईलैंड के डिफेंडर हेडर के जरिए गेंद को बॉक्स के बाहर करने में कामयाब रहे.
मैच के 26वें मिनट कुरुनियान एक बार फिर गेंद लेकर थाईलैंड के बॉक्स में दाखिल हुए और गेंद गोलकीपर से लगकर डिफेंडर के हाथों से टकरा गई, जिस कारण भारत को पेनल्टी मिली. सुनील छेत्री ने पेनल्टी को गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की. हालांकि, थाईलैंड की टीम 33वें मिनट में बराबरी करने में कामयाब रही. थाईलैंड को बॉक्स के बाहर फ्री-किक मिली और कप्तान तेरासिल दांगडा ने बेहतरीन हेडर के जरिए गोल किया.
भारत ने दूसरे हाफ की धमाकेदार शुरुआत की. विंगर उदांता सिंह ने 47वें मिनट में दाएं छोर से बॉक्स में बेहतरीन पास दिया और कुरुनियान ने गेंद को छेत्री की ओर धकेल दिया, जिन्होंने गोल करने में कोई गलती नहीं की. भारतीय खिलाड़ियों का 2-1 की बढ़त बनाने के बाद आत्मविश्वास बढ़ गया, जो उनके खेल में भी नजर आने लगा. भारत ने लगातार अटैक करते हुए थाईलैंड कें डिफेंस को परेशान किया. 68वें मिनट में छेत्री के बॉक्स में एक बार फिर खलबली मचाई और बॉक्स में ही मौजूद थापा को पास दिया जिन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए अपना पहला गोल करते हुए स्कोर 3-1 कर दिया.
भारतीय टीम ने अपने आक्रामक खेल को जारी रखा. एक सब्स्टीट्यूट के रूप में मैदान पर आए स्ट्राइकर जेजे ने 81वें मिनट में गोल करते हुए भारत की जीत सुनिश्चित कर दी. जेजे लंबे समय से खराब फॉर्म में चल रहे थे और उनके इस शानदार प्रदर्शन से कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन को बाकी के मैचों के लिए आक्रमण में अधिक विकल्प मिल गए हैं.