लखनऊ। समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बएसपी) ने सोमवार को दिल्ली में हुई विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा नहीं लिया. राजस्थान और मध्यप्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पहले टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू द्वारा आहूत कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों की बैठक में एसपी और बीएसपी ने दूरी बना कर रखी.
विपक्ष की एकजुटता के लिए चिंता और चर्चा का विषय बनी एसपी बीएसपी की गैरमौजूदगी पर दोनों दलों की ओर से आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई.
इस बीच बैठक में शामिल कुछ विपक्षी दलों के नेताओं ने यह जरूर कहा कि उत्तर प्रदेश में दोनों दलों के संभावित गठबंधन को बैठक की वजह से किसी तरह की विघ्न बाधा उत्पन्न हो, इसके लिए फिलहाल एसपी बीएसपी ने इस बैठक में शिरकत नहीं की.
हालांकि एसपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सचिव राजेंद्र चौधरी ने बैठक में शामिल ना होने के कारण के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस बारे में तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ही बता सकते हैं, मगर पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक बीएसपीसे व्यापक सलाह-मशवरा ना हो पाने की वजह से एसपी ने बैठक में मौजूदगी दर्ज नहीं करायी.
एसपी बीएसपी की गैरमौजूदगी पर क्या बोले नायडू?
इस बारे में नायडू ने एसपी बीएसपी का नाम लिए बिना कहा, ‘विपक्ष के दो-तीन दल बैठक से बाहर थे, हम उनके साथ संपर्क में हैं. हम उन्हें बता रहे हैं कि देश हित में इस सरकार को जाना ही चाहिये. अन्यथा इस महान देश को बहुत बड़ा नुकसान होगा’
सूत्रों के मुताबिक एसपी का मूल मकसद उत्तर प्रदेश में अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीएसपी के साथ मजबूत गठबंधन बनाना है. लिहाजा साझा हितों को लेकर पार्टी बीएसपी के साथ बातचीत करके ही कोई कदम उठाना चाहती है. सूत्रों ने यह भी बताया अखिलेश का आज ट्विटर तथा एक समाचार चैनल से इंटरव्यू का कार्यक्रम पहले से ही तय था.
बीजेपी के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने के प्रयास के तहत विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद भवन सौंध में एक बैठक बुलाई थी. बैठक में 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया मगर एसपी और बीएसपीका कोई नुमाइंदा इसमें शामिल नहीं हुआ.