नई दिल्ली। अचानक घटे एक घटनाक्रम में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेलने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इससे पहले ही स्वायत्ता के मुद्दे पर सरकार और आरबीआई के बीच खींचतान के कारण कयास लगाए जा रहे थे कि पटेल इस्तीफा दे देंगे. लेकिन तब किसी तरह बात बन गई और इस मुद्दे के हल के लिए एक समिति का गठन कर दिया गया. अब उर्जित पटेल ने अपने इस्तीफे से सभी को चौंका दिया है. इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि अब आगे क्या हो सकता है और आरबीआई का नया मुखिया कौन बन सकता है.
ये तो सभी जानते हैं कि जिस तरह से उर्जित पटेल का इस्तीफा आया है, उसके बाद नया गवर्नर चुने जाने में वक्त लगेगा. इसका मतलब है कि अभी किसी को अंतरिम तौर पर ही ये जिम्मेदारी सौंपनी होगी. ऐसी परिस्थिति में आरबीआई में नंबर 2 को ये जिम्मेदारी मिलती है. लेकिन नंबर 2 की पोजीशन पर विरल आचार्य हैं. दरअसल सरकार और आरबीआई के बीच पहली टसल तभी सामने आई थी, जब विरल आचार्य ने इस पर सवाल उठाए थे. ऐसे में उन्हें अंतरिम तौर पर आरबीआई की जिम्मेदारी शायद ही मिले.
अगर विरल आचार्य को ये जिम्मेदारी नहीं मिली तो तीसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी को उर्जित पटेल की जिम्मेदारी दी जा सकती है. या फिर सरकार बाहर से भी किसी को लाकर इस पद पर बिठा सकती है, जब तक कि आरबीआई को नया गवर्नर नहीं मिल जाता. इस तरह के हालात में आरबीआई का कानून कहता है कि अगर गवर्नर और डिप्टी गवर्नर इस ड्यूटी को पूरा करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं तो केंद्र सरकार इस पर तीसरे व्यक्ति को नियुक्त कर सकती है. इसके लिए उसे केंद्रीय बोर्ड की अनुमति चाहिए होगी. अभी आरबीआई में चार डिप्टी गवर्नर हैं एनएस विश्वनाथ, विरल आचार्य, बीपी कानूनगो और एमके जैन.
शक्तिकांत दास और एनएस विश्वनाथ का नाम भी है चर्चा में
उर्जित पटेल की जगह लेने के लिए आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है. इसके अलावा डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथ का भी नाम है. शक्तिकांत दास का नाम इसलिए भी सबसे आगे माना जा रहा है, क्योंकि केंद्रीय आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में शक्तिकांत दास देश के सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक माना जाता है.
26 फरवरी 1957 को जन्मे शक्तिकांत दास इतिहास में एमए और तमिलनाडु काडर के आईएएस अधिकारी हैं. वह रिटायरमेंट के बाद वर्तमान में भारत के 15 वें वित्त आयोग और भारत के शेरपा जी -20 में सदस्य हैं. उन्होंने भारत के आर्थिक मामलों के सचिव, भारत के राजस्व सचिव और भारत के उर्वरक सचिव के रूप में भी काम किया है. केंद्रीय आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, शक्तिकांत दास को भारत के सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक माना जाता था.