नई दिल्ली। पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Snooping Case) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अगले हफ्ते सुनवाई होगी. शुक्रवार को चीफ जस्टिस एनवी. रमना की बेंच के सामने इस मामले को उठाया गया. जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा है कि वह अगले हफ्ते इस मामले को सुनेंगे.
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को जस्टिस रमना के सामने इस मुद्दे को उठाया, उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार एन. राम द्वारा दाखिल याचिका का ज़िक्र किया. जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि वह अगले हफ्ते इस मामले की सुनवाई करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में अपील की गई है कि पेगासस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए. इस जांच की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट का कोई मौजूदा या रिटायर्ड जज करे. आरोप है कि सरकारी एजेंसियों ने पेगासस स्पाइवेयर की मदद से पत्रकारों, जजों और अन्य लोगों की जासूसी की.
संसद से लेकर सड़क तक मुद्दे पर बवाल
आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा इस मामले का खुलासा किया गया था. इज़रायली सॉफ्टवेयर पेगासस की मदद से भारत समेत दुनिया के कई देशों के पत्रकारों, नेताओं और अन्य हस्तियों को निशाना बनाया गया था. इस दौरान फोन हैकिंग की बात सामने आई थी.
भारत में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत अन्य कई नेताओं, जो केंद्रीय मंत्रियों, पत्रकारों को इस सॉफ्टवेयर के दम पर टारगेट किया गया था. यही कारण है कि भारत में इस मसले पर लगातार हंगामा हो रहा था.
बता दें कि बीते दिन ही देश की करीब 500 हस्तियों ने चीफ जस्टिस को इस मसले पर चिट्ठी लिखी थी और निष्पक्ष जांच कराने की अपील की थी. इसके अलावा संसद के दोनों सदनों में विपक्ष द्वारा इस मुद्दे को लेकर हंगामा किया जा रहा है, विपक्ष की मांग है कि सदन में इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए. वहीं, भारत सरकार ने पेगासस जासूसी से जुड़े सभी आरोपों को नकार दिया है.