राजस्थान: चुनाव में कर्जमाफी का वादा… अब मुकर गई कॉन्ग्रेसी सरकार, किसानों को मिल रहे कुर्की के नोटिस

राजस्थान में किसानों से कर्जमाफी का वादा करके साल 2018 में सत्ता में आने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी अब एक दम से अपने वादे से मुकर गई है। चुनावों के समय राहुल गाँधी ने कहा था कि उनकी सरकार बनने के मात्र दस दिन के अंदर सारे कर्जे माफ हो जाएँगे, लेकिन करीब ढाई साल बाद भी वादा पूरा नहीं हुआ और जब किसानों को बैंकों ने नोटिस भेजना शुरू किया, तो प्रदेश सरकार ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उन्होंने ऐसा कोई वादा ही नहीं किया था।

जयपुर जिले के किसान रामगोपाल जाट ने बताया कि उन्होंने आज से 5 साल पहले दो बार में साढ़े 3 लाख और 6 लाख करके, 9 लाख रुपए का लोन लिया था और अब तक 6 लाख रुपए से ज्यादा का ब्याज चुका चुके हैं, मगर अब बैंक ने भी साढ़े 13 लाख 7 हजार 756 की डिमांड निकालकर, घर के कुर्की का नोटिस भेज दिया है। रामगोपाल के पास इतने रुपए देने के लिए नहीं हैं और दूसरी ओर बैंक मानने के लिए तैयार नहीं है।

रिपोर्ट बताती है कि रामगोपाल जाट कोई अकेले व्यक्ति नहीं है। ऐसे तमाम किसान हैं जिन्होंने 1 लाख रुपए से लेकर साढ़े 3 लाख रुपए तक लोन लिया, और अब उन सभी के पास नोटिस गए हैं। गाँव में कई किसानों के पास अलग-अलग बैंकों से कुर्की के नोटिस आए हुए हैं। मुंडियारामसर के 80 साल के गंगाराम के ऊपर 5 सालों में 14 फीसदी के ब्याज से 8 लाख का लोन 14 लाख का हो गया है।

इस बीच राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने साफ कहा है, “हमने कोई वादा नहीं किया था कि सभी किसानों को लोन माफ करेंगे।” सरकार का कहना है कि उनके पास इतने पैसे नहीं है कि सभी किसानों का लोन माफ कर सकें जबकि केंद्र सरकार बताती है कि राज्य में किसानों पर 1,20, 979 करोड़ रुपए का कर्ज बाकी है।

बता दें कि कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा सत्ता में आने के लिए बोले गए झूठ से आहत होकर कई किसान अपनी जान गँवा चुके हैं। पार्टी कहती है कि उन्होंने सत्ता संभालते ही सभी किसानों के बैंको से लोन माफ किए थे। लेकिन रिपोर्ट कहती है कि सरकार ने भूमि विकास बैंक और सहाकारी बैंक के लघु एवं सीमांत किसानों को लोन माफ किए थे और बाकी किसानों को कर्ज तले दबा ही छोड़ दिया।

वीडियो में कॉन्ग्रेस द्वारा किए गए वादे का प्रमाण है

2018 की वीडियो देखें तो पता चलेगा कि कैसे दावे के साथ राहुल गाँधी ने कर्जमाफी के वादे पर मोदी सरकार को चुनौती दी थी। लेकिन साल 2019 की शुरुआत में ही किसानों की मौत की खबरें आने लगीं। कर्ज न माफ होने के कारण साल 2019 में रघुनाथपुरा के 40 वर्षीय किसान नेतराम नाथ ने सुसाइड की थी।

उससे पूर्व राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के ठीकरी गाँव में 23 जून 2019 को 45 वर्षीय किसान सोहनलाल ने कर्जमाफी न होने के कारण जहर खाकर अपनी जान दे दी थी। सोहनलाल ने मरने से पहले एक वीडियो और दो पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गहलोत सरकार चुनाव से पहले किए अपने वादों को पूरा करने में असफल रही और उन्हीं के कारण वह आत्महत्या कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि कॉन्ग्रेस पार्टी का किसान कर्जमाफी को लेकर कहा गया झूठ उस समय भी सामने आया था जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी में रहते हुए ही कॉन्ग्रेस सरकार के खिलाफ मध्य प्रदेश में मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने उस दौरान माना था कि प्रदेश सरकार ने कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं किया।

सिंधिया ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर कॉन्ग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, “किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ नहीं किया गया है। केवल 50 हजार रुपए का कर्ज माफ किया गया है, जबकि हमने कहा था कि 2 लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा। 2 लाख रुपए तक के कर्ज को माफ किया जाना चाहिए।”