मां और भाई को गोली मारने के बाद दो घंटे तक गुमसुम बैठी रही नेशनल शूटर, नाना-नानी के सामने कबूला जुर्म

लखनऊ। लखनऊ में रेलवे अधिकारी आरडी बाजपेई की नेशनल शूटर बेटी के अपनी मां व भाई की गोली मारकर हत्या कर देने के मामले में नया खुलासा हुआ है। डीसीपी मध्य सोमेन वर्मा ने बताया कि रेलवे अधिकारी की 15 वर्षीय बेटी वारदात के बाद दूसरे कमरे में बैठी थी। पुलिस ने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वह चुप्पी साधे रही। उस वक्त लगा कि वह मां और भाई की हत्या से अवाक है और दहशत में कुछ बोल नहीं पा रही है। लेकिन, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी पुलिस का शक बेटी पर गहराने लगा। लड़की की अजीब हरकतें देख उसके कमरे की तलाशी ली गई तो मेज के पास से .22 बोर की पिस्टल बरामद हुई। पास में ही कारतूस का डिब्बा रखा था, जिसका ढक्कन खुला था।

नाना-नानी के सामने कबूला जुर्म 
इसके बाद डीसीपी उत्तरी शालिनी को बुलाया गया। उन्होंने लड़की के नाना-नानी के सामने उससे पूछताछ शुरू की। डीसीपी के बहला कर पूछने पर लड़की ने मां व भाई की हत्या करने की बात कबूल ली। लड़की ने बताया कि सुबह करीब 9 बजे उसने मां व भाई के साथ नाश्ता किया था। इसके बाद वह अपने कमरे में चली गई थी। दोपहर करीब दो बजे वह बाहर निकली तो मां व भाई कमरे में सो रहे थे। इसी दौरान उसने दोनों को गोली मार दी। डीसीपी ने बताया कि लड़की राष्ट्रीय स्तर की शूटर है। उसके पास शूटिंग प्रतियोगिताओं में इस्तेमाल होने वाली .22 बोर की पिस्टल थी। इसी से उसने दोनों की हत्या की।

पदक जीतने वाली पिस्टल से मां-भाई को गोली मारी
रेलवे के अधिकारी आरडी बाजपेयी ने बेटी को यह सोचकर .22 की पिस्टल खरीदकर दी थी कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक जीतेगी। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस पिस्टल से वह शूटिंग रेंज में पदक के लिए ‘टारगेट’ पर निशाना लगाती है उससे वह अपनी मां और भाई पर कई गोलियां दाग देगी।
अपनी मां और भाई की गोली मारकर हत्या करने की आरोपी राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाशाली निशानेबाज है। उसका प्रिय इवेंट .22 की 25 मीटर स्पर्धा थी। पहले तो वह किसी से पिस्टल मांगकर प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती थी। जब वह राज्य स्तर पर चैंपियन बनीं और जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पदक जीते तो उन्हें खुद का हथियार खरीदने का लाइसेंस मिल गया था। इसी लाइसेंस पर उसके पिता ने उसे पिस्टल खरीदकर दी थी।

दस वर्ष की उम्र में शुरू की निशानेबाजी 
यह निशानेबाज दिल्ली में ट्रेनिंग करती थी। जब वह दस वर्ष की थी तभी से उसने निशानेबाजी शुरू कर दी थी। दो-तीन माह बाद ही वह राज्य स्तर की बेहतरीन निशानेबाज  बन गई थी। इसके बाद उसने महाराष्ट्र और कोलकाता में हुई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीते। इन्हीं पदकों से उसे .22 पिस्टल का लाइलेंस हासिल करने में मदद मिली थी।

ब्लेड से हाथ पर किए 50 घाव
डीसीपी ने बताया कि लड़की के दाहिने हाथ पर पट्टी बंधी हुई थी। वह बार-बार अपने इस हाथ को सहला रही थी। पुलिस ने जब इस बारे में पूछा तो वह आनाकानी करने लगी। उसके नाना की मदद लेकर पट्टी खुलवाई गई तो सभी दंग रह गए। उसके हाथ पर 50 से ज्यादा गहरे घाव के निशान थे।
काफी पूछताछ करने पर लड़की ने कबूला कि उसने खुद ही ब्लेड से अपने हाथ पर यह घाव किए थे। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर माचिस की डिब्बी में छुपाकर रखा गया ब्लेड बरामद कर लिया। डीसीपी ने बताया कि लड़की के दूसरे हाथ पर भी ब्लेड से काटे जाने के पुराने निशान हैं। उसे हिरासत में ले लिया गया है। मनोचिकित्सक को बुलाकर उसकी जांच करवाई जा रही है।