नई दिल्ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद राजनीतिक गलियारों समेत पूरे देश में शोक पसर गया है. उनका शनिवार को 12 बजकर 7 मिनट पर निधन हो गया है. वह 9 अगस्त से दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती थे. उनके निधन की खबर सुन प्रधानमंत्री मोदी ने अपना दुख अपने ट्वीट के जरिए प्रकट किया है. पीएम मोदी इस समय यूएई के दौरे पर हैं. उन्होंने अरुण जेटली के निधन को एक बहुत बड़ी हानि बताते हुए अपने जीवन से एक मित्र के जाने की बात कही है.
पीएम मोदी ने उनकी राजनीतिक समझ की तरीफ करते हुए लिखा है कि मैंने एक ऐसा दोस्त खोया है, जिसे मैं दशकों से जानता हूं. पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि कैसे इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेटली सबसे आगे खड़े रहे.
बता दें कि पिछले दिनों अरुण जेटली को एक्स्ट्राकारपोरल मेंब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) और इंट्रा ऐरोटिक बैलून (IABP) सपोर्ट पर रखा गया था. अरुण जेटली को सांस लेने में तकलीफ के चलते 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था. उनके निधन की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर कई राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने शोक जताया है.
अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर, 1952 को दिल्ली में हुआ था. उनके पिता पेशे से वकील थे. उन्होंने नई दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से 1957-69 तक पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम किया. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से 1977 में लॉ की पढ़ाई पूरी की. अरुण जेटली लॉ की पढ़ाई के दौर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेता भी थे. डीयू में पढ़ाई के दौरान ही वह 1974 में डीयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बने.
2018 में अरुण जेटली का दिल्ली स्थित एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ. जनवरी, 2019 में डॉक्टरों को अरुण जेटली को सॉफ्ट टिशू सर्कोमा होने का पता चला. यह कैंसर का एक रूप था. इसके बाद न्यूयॉर्क में उनकी सफल सर्जरी हुई. अरुण जेटली ने 29 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया और कहा कि उन्हें नई सरकार में किसी भी तरह की अहम जानकारी न दी जाए.