नई दिल्ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया. उन्होंने एम्स में शनिवार दोपहर 12:07 बजे आखिरी सांसें लीं. वह पिछले 9 अगस्त से दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती थे. एम्स की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, अरुण जेटली को एक्स्ट्राकारपोरल मेंब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) और इंट्रा ऐरोटिक बैलून (IABP) सपोर्ट पर रखा गया था. अरुण जेटली अपने कॉलेज जीवन के दौरान एक शानदार छात्र थे. उन्होंने श्रीराम कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने दो सम्मानित उपाधियां अर्जित की हैं.
पढ़ें अरुण जेटली के बारे में रोचक तथ्य…
-जेल से बाहर आने के बाद अरुण जेटली जनसंघ में शामिल हो गए और ABVP के दिल्ली अध्यक्ष और ABVP के अखिल भारतीय सचिव भी बने. वह उस दौरान भी एक आदर्श राजनीतिज्ञ थे.
-जब बीजेपी बनी तो वह 1980 में इसके यूथ विंग प्रेसिडेंट बने. उन्हें दुनिया में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला. 1980 से 90 के दशक तक भाजपा भारत में मुख्य धारा की राजनीतिक पार्टी बनने के लिए संघर्ष कर रही थी. अटल और आडवाणी के नेतृत्व में, भाजपा कड़ी मेहनत कर रही थी और अरुण जेटली को भाजपा के युवा ब्रिगेड को परिपक्व राजनेताओं में बदलने का काम दिया गया था.
-1999 में, अटल जी के नेतृत्व वाली एनडीए के सत्ता में आने के बाद उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया और उन्होंने कानून और न्याय, सूचना और प्रसारण और राज्य विनिवेश राज्य मंत्री जैसे महत्त्वपूर्ण विभागों को संभाला.
-अरुण जेटली ने अपनी काबिलियत को बखूबी साबित किया. वह प्रमोद महाजन और अटल बिहारी वाजपेयी की सेवानिवृत्ति के बाद भाजपा के मुख्य रणनीतिकार बन गए.
-वह राज्यसभा में भाजपा की आवाज बने और 2009 में वे राज्यसभा में विपक्ष के नेता बने.
-2014 में, उन्होंने पहली बार प्रत्यक्ष चुनाव लड़ा, लेकिन अमृतसर सीट से कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह से हार गए.
-उन्हें क्रिकेट पसंद था. उन्होंने 2014 में इस्तीफा देने से पहले BCCI के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है.
-1989 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की तत्कालीन सरकार ने अरूण जेटली को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया था और उन्होंने बोफोर्स घोटाले में जांच के लिए कागजी कार्रवाई की थी.