इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सीजन के एलिमिनेटर मुकाबले में बुधवार को विशाखापट्टनम के डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम पर दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद आमने-सामने होंगे। इस मैच को हारने वाली टीम टू्र्नामेंट से बाहर हो जाएगी। जीतने वाली टीम को फाइनल खेलने के लिए क्वालिफायर-2 में क्वालिफायर-1 हारने वाली टीम से 10 मई को मुकाबला करना होगा।
हैदराबाद ने पिछले साल भी टूर्नामेंट का फाइनल खेला था। तब उसे चेन्नई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। दूसरी ओर, दिल्ली कभी भी फाइनल तक नहीं पहुंची और शीर्ष-2 में नहीं रही। वह 7 साल बाद प्लेऑफ में पहुंची है। हालांकि, इस सीजन में उसका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है। उसने पिछले 5 में से 4 मैच जीते हैं।
विशाखापट्टनम में हैदराबाद के खिलाफ दिल्ली का सक्सेस रेट 100%
आईपीएल में दिल्ली और हैदराबाद के बीच अब तक 14 मैच हुए हैं। इनमें से हैदराबाद 9 और दिल्ली 5 मैच जीतने में सफल रहा है। हालांकि, विशाखापट्टनम में दोनों के बीच अब तक सिर्फ एक मैच हुआ है। 18 अप्रैल 2015 को हुए उस मैच में दिल्ली ने हैदराबाद को 6 विकेट से हराया था।
दूसरे घरेलू मैदान पर हैदराबाद का रिकॉर्ड बेहतर
विशाखापट्टनम में आईपीएल के अब तक 11 मुकाबले हुए हैं। इसमें से 7 मैच में पहले खेलने वाली टीम जीती है। यह हैदराबाद का दूसरा होम ग्राउंड है। हालांकि, यहां 2016 के बाद पहली बार आईपीएल का कोई मैच होगा। हैदराबाद ने यहां 5 में से 3 मैच जीते हैं, जबकि 2 में उसे हार झेलनी पड़ी है। दिल्ली ने यहां 3 मैच खेले हैं। इनमें से उसने 2 जीते हैं, जबकि एक हारा है।
दिल्ली की ताकत :
- शिखर धवन और कप्तान श्रेयस अय्यर बेहतर फॉर्म में हैं। धवन और अय्यर ने 14-14 मैच में क्रमशः 486 और 442 रन बनाए हैं। टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में धवन छठे नंबर पर हैं।
- कोच रिकी पोंटिंग और सलाहकार सौरव गांगुली। दोनों पहली बार दिल्ली कैपिटल्स से जुड़े और टीम को प्लेऑफ में पहुंचाया।
- कगिसो रबाडा की कमी क्रिस मॉरिस पूरी कर रहे हैं। वे रन थोड़े ज्यादा देते हैं, लेकिन विकेट निकालने में सफल रहे हैं। उनके 9 मैच में 13 विकेट हैं।
दिल्ली की कमजोरी :
- कगिसो रबाडा के बाहर होने के कारण टीम का पेस अटैक कमजोर पड़ा। रबाडा टूर्नामेंट सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में शीर्ष पर हैं। उनके 12 मैच में 25 विकेट हैं।
- पृथ्वी शॉ और ऋषभ पंत के प्रदर्शन में निरंतरता में कमी। पृथ्वी ने 14 मैच में 292 रन बनाए। इसमें 5 बार वे दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाए। पंत के 14 मैच में 401 रन हैं, लेकिन वे भी 5 बार 2 अंकों में स्कोर नहीं बना पाए।
- ट्रेंट बोल्ट का अंतिम ओवरों में ज्यादा रन देना। उन्होंने 3 मैच में 106 रन देकर सिर्फ 3 विकेट लिए।
हैदराबाद की ताकत :
- केन विलियमसन के रूप में भरोसेमंद कप्तान। उनकी कप्तानी में हैदराबाद ने पिछले साल भी फाइनल खेला था। वे टीम के 5वें टॉप स्कोरर।
- मनीष पांडेय का फॉर्म में होना। उन्होंने 11 मैच में 314 रन बनाए। वॉर्नर-बेयर्स्टो के बाद टीम के टॉप स्कोरर।
- खलील अहमद का पेस अटैक। उन्होंने 8 मैच में 8.21 के इकॉनमी से 17 विकेट लिए। वे इस सीजन के 3 मैच में 3-3 विकेट लेने वाले इकलौते गेंदबाज हैं।
हैदराबाद की कमजोरी :
- टीम के टॉप स्कोरर्स डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयर्स्टो का स्वदेश लौटना। हैदराबाद ने अब तक 14 मैच में 2193 रन बनाए हैं। इसमें आधे से ज्यादा यानी 1137 रन इन दोनों ने बनाए हैं, जबकि वॉर्नर ने 12 और बेयर्स्टो ने 10 मैच ही खेले।
- सिद्धार्थ कौल ज्यादा असरदार नहीं साबित हुए। उन्होंने पिछले साल 17 मैच में 21 विकेट लिए थे। इस बार 7 मैच में 6 विकेट ही ले पाए।
पिच का मिजाज : यह पिच बल्लेबाजों के लिए मुफीद मानी जाती है। 2005 में महेंद्र सिंह धोनी ने इसी मैदान पर अपना पहला वनडे शतक (148 रन) लगाया था। विराट कोहली ने पिछले साल इस मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ 157 रन की पारी खेली थी। विशाखापट्टनम के मौसम की बात करें तो यहां भी खिलाड़ियों को चेन्नई जैसी गर्मी और नमी से जूझना पड़ेगा।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं :
दिल्ली कैपिटल्स : श्रेयस अय्यर (कप्तान), आवेश खान, बंडारू अयप्पा, अंकुश बैंस, ट्रेंट बोल्ट, शिखर धवन, कॉलिन इनग्राम, संदीप लमिछने, मनजोत कालरा, अमित मिश्रा, क्रिस मॉरिस, कॉलिन मुनरो, ऋषभ पंत, अक्षर पटेल, हर्षल पटेल, कीमो पॉल, कगिसो रबाडा, शेरफेन रदरफोर्ड, जलज सक्सेना, इशांत शर्मा, पृथ्वी शॉ, हनुमा विहारी, नाथू सिंह।
सनराइजर्स हैदराबाद : केन विलियम्सन (कप्तान), अभिषेक शर्मा, खलील अहमद, बासिल थम्पी, रिकी भुई, श्रीवत्स गोस्वामी, मार्टिन गुप्टिल, दीपक हुड्डा, सिद्धार्थ कौल, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद नबी, शाहबाज नदीम, टी नटराजन, मनीष पांडेय, यूसुफ पठान, राशिद खान, ऋद्धिमान साहा, संदीप शर्मा, विजय शंकार, शाकिब अल हसन, बिली स्टैनलेक।