पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा अपने ही देश के दूतावासों का हिस्सा बेच देने का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं देश के एक मंत्री पर अपने मंत्रालय का एक भवन बिजनेस पार्टनर को किराए पर देने का आरोप लगा है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में पाकिस्तानी दूतावास के एक भवन को बेचने के मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने विदेश मंत्रालय के कुछ अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मॅंजूरी दी है।
डॉन के अनुसार नैब को जानकारी मिली है कि जकार्ता में दूतावास भवन की गैर कानूनी बिक्री को लेकर विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को जानकारी थी। बावजूद इसके घपलेबाजी को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर राष्ट्रीय खजाने को भारी नुकसान पहुँचाया।
नैब को इसी तरह की शिकायत जापान की राजधानी टोक्यो से भी मिली है। बताया जाता है कि वहॉं भी पाकिस्तानी दूतावास का एक हिस्सा अवैध तरीके से बेच दिया गया है।
इसके अलावा नैब ने धार्मिक मामलों के संघीय मंत्री नूर-उल-हक कादरी के खिलाफ दर्ज शिकायत की सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन पर इस्लामाबाद स्थित अपने मंत्रालय का एक भवन बिजनेस साझेदार को देने का आरोप है। इसकी शिकायत उनके ही मंत्रालय के एक व्यक्ति ने की है।
डॉन ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कादरी के खिलाफ जॉंच का फैसला नैब की बैठक में लिया गया। नैब मुख्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह हितों के टकराव का मामला है। कई अधिकारियों के खिलाफ पूछताछ को मॅंजूरी दी गई है। इनमें पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के राजनीतिक सचिव और पूर्व गृह मंत्री अकरम खान दुर्रानी के राजनीतिक सचिव रुखसाना बंगश का बेटा शामिल है।