आपने लोगों को अलग-अलग मौकों पर एक-दूसरे को इशारों से बातें करते तो कई बार देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी किसी को किसी का क़त्ल करने के लिए इशारा करते देखा है? ये सवाल अजीब है. क्योंकि आम तौर पर क़ातिल हमारे इर्द-गिर्द नहीं होते.
क्या आपने कभी इशारों में कत्ल होते देखा है? या यूं कहें कि इशारों वालों कत्ल देखा है? अगर नहीं तो चलिए हम आपको एक ऐसे कत्ल की दास्तान सुनाते हैं, जिसमें एक इशारा किया गया और उसी इशारे पर एक कत्ल होना था. लेकिन इस पूरी कहानी में अफसोस की बात ये है कि इस इशारे को समझने में पुलिस को पूरे ढ़ाई साल का वक्त लग गया. जुर्म की ये सच्ची कहानी आपको हैरान कर देगी.
इशारा मिलते ही मकतूल का काम तमाम
आपने लोगों को अलग-अलग मौकों पर एक-दूसरे को इशारों से बातें करते तो कई बार देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी किसी को किसी का क़त्ल करने के लिए इशारा करते देखा है? ये सवाल अजीब है. क्योंकि आम तौर पर क़ातिल हमारे इर्द-गिर्द नहीं होते. ये और बात है कि हम में से ही कोई अचानक कभी किसी बात पर किसी का कत्ल कर देता है. किसी के खून से अपने हाथ रंग लेता है. तो आज हम आपको एक ऐसा सीसीटीवी फुटेज की कहानी बताने जा रहे हैं, जो अगर कैमरे में रिकॉर्ड ना हुआ होता, तो कोई विश्वास ही नहीं कर पाता कि इस क़त्ल का असली मास्टरमाइंड वही है. जिसका इशारा मिलते ही जान वाले शूटर ने मकतूल का काम तमाम कर दिया.
उस फुटेज में तस्वीरें हरियाणा के पानीपत की है. पानीपत के घेर अरैया कॉलोनी की. और तारीख है 15 दिसंबर 2021. एक शख्स गलियों से पैदल चलता हुआ एक मकान की तरफ बढ़ रहा है. वो तेजी से चलता हुआ मकान का दरवाज़ा खोलता है और अंदर दाखिल हो जाता है. असल में ये एक शूटर है, जो अभी-अभी किसी की जान लेने वाला है. जाहिर है ऐसे किसी आदमी या अजनबी के इस तरह मकान के अंदर घुस आने से उस मकान में रहने वाले लोगों का रिएक्शन कैसा होगा, ये समझना मुश्किल नहीं है. वो चीखेंगे-चिल्लाएंगे. या फिर घर में घुस आए आदमी से उसके वहां आने की वजह पूछेंगे. लेकिन यहां मंजर बिल्कुल उल्टा दिखता है.
महज़ 23 सेकंड की इशारों वाली बातचीत
शूटर मकान के अंदर घुस आया है और अंदर किचन से उसी घर की एक महिला इस शूटर को देख कर इशारों ही इशारों में कुछ बातें करती हैं. ध्यान से देखने पर पता चलता है कि शूटर उसे क्या इशारा करता है और बदले में घर की महिला शूटर को क्या इशारा करती है. इशारों वाली ये गुफ्तगू महज़ 23 सेकंड की है. और इस 23 सेकंड की इशारेबाज़ी में ही कत्ल की एक ऐसी और भयानक साज़िश का सच छुपा है, जिसका पता लगाने में पुलिस को पूरे ढाई साल लग गए. वो भी तब जब पहले ही दिन से कत्ल की ये वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी थी.
पत्नी के इशारे पर पति का कत्ल
अब इसे इत्तेफाक कहें या फिर कुछ और कि इस सीसीटीवी फुटेज के होने के बावजूद पुलिस इसके पीछे की कहानी नहीं समझ पाई, या फिर इस कहानी को समझते-समझते उसे इतना वक्त लग गया. पुलिस ने इस मामले पर पहले सिर्फ गोली चलाने वाले क़ातिल को ही रंगे हाथ गिरफ्तार किया था, लेकिन जब पुलिस ने ढाई साल बाद इस केस को री-इनवेस्टिगेट किया, तो पता चला कि गोली चलाने वाला तो बस एक मोहरा भर था. असली क़ातिल तो घर के अंदर छुपी वो महिला थी, जिसने अपने एक इशारे भर से अपने ही पति का क़त्ल करवा दिया.
ऑस्ट्रेलिया से आए मैसेज ने रिओपन कराया केस
हरियाणा की दिमाग घुमा देने वाली इस मर्डर मिस्ट्री का ये सच शायद कभी बाहर नहीं आता, अगर इसी परिवार के ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले एक मेंबर ने पुलिस को इस वारदात में घर की एक महिला के ही शामिल होने का मैसेज ना भेजा होता और घर में लगे सीसीटीवी कैमरे की इन तस्वीरों की सच्चाई ना बताई होती. अब घर की एक महिला यानी घर की बहू ने ही अपने पति का इस तरह से कत्ल क्यों करा दिया? अपने पति के साथ उसकी ऐसी क्या दुश्मनी थी? शूटर ने घर में घुस कर गोली मारने और पकड़े जाने जैसा भयानक खतरा कैसे मोल लिया? और इस कहानी का पूरा सच क्या है? ये जानने के लिए इस वारदात को सिलसिलेवार तरीके से समझना जरूरी है.
इस कहानी की शुरुआत 5 अक्टूबर 2021 से होती है. शहर के सुखदेव नगर इलाके में कंप्यूटर इंस्टीट्यूट चलाने वाला विनोद बराड़ा अपनी कॉलोनी के गेट के पास बैठा था. लेकिन बदकिस्मती से वो घर के पास बैठे-बैठे ही एक हादसे का शिकार हो गया. एक तेज़ रफ्तार मिनी ट्रक ने उसे ज़ोरदार टक्कर मार दी. ये टक्कर इतनी भयानक थी कि विनोद की दोनों टांगें टूट गई. उसे अस्पताल में एक लंबा वक़्त गुजारना पड़ा. इस बीच पुलिस ने उस ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया, जिसने विनोद को टक्कर मारी थी. ये पंजाब के बठिंडा का रहने वाला देव सुनार उर्फ दीपक नाम का एक शख्स था.
आरोपी ड्राइवर बना रहा था समझौते का दबाव
लेकिन इस वारदात के ठीक 15 दिन बाद ट्रक ड्राइवर दीपक अचानक एक रोज़ पानीपत में विनोद के घर आ पहुंचा और उसने विनोद से इस मामले में समझौता कर लेने की गुजारिश की. उसने कहा कि विनोद ये केस वापस ले ले. लेकिन इसे विनोद का गुस्सा कहें या फिर कुछ और. विनोद ने केस वापस लेने से मना कर दिया. लेकिन विनोद का यही इनकार उसकी ज़िंदगी पर भारी पड़ जाएगा ये किसी ने सोचा नहीं था.
दीपक ने घर में घुसकर विनोद को मारी थी गोली
विनोद के समझौते से इनकार करने के ठीक 56 दिन बाद यानी 15 दिसंबर 2021 को एक भयानक वारदात हुई. एक्सीडेंट का आरोपी ड्राइवर दीपक अचानक फिर से समझौते के बहाने उसके घर आया और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, दीपक ने घर में एंट्री करते ही सीधे अंदर से दरवाज़े की कुंडी लगा ली. इस बार उसके हाथ में पिस्तौल थी. घर में घुस आए इस शख्स को देख कर विनोद की पत्नी और बच्चे शोर मचाने लगे. पड़ोसी भी आ पहुंचे, मगर चूंकि दरवाज़ा बंद था, वो फौरन कोई मदद नहीं कर सके और ड्राइवर दीपक ने विनोद के सिर और कमर में बिल्कुल करीब से गोली मार दी. इस हमले से विनोद की मौके पर ही जान चली गई.
दीपक के खिलाफ IPC की धारा 307 और 302 का केस
चूंकि ये वारदात सबकी आंखों के सामने हुआ था, कातिल के पास भागने का कोई रास्ता नहीं था. लोगों ने उसे दबोच लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. अब पुलिस दीपक को एक बार फिर गिरफ्तार कर चुकी थी. उस पर दो अलग-अलग केस दर्ज हो चुके थे. एक्सीडेंट कर जाने की कोशिश का केस यानी आईपीसी की धारा 307 का मुकदमा, जबकि इस बार किए गए क़त्ल का केस यानी आईपीसी की धारा 302 का मुकदमा. ज़ाहिर है ये मामला अब तक बिल्कुल ओपन एंड शट केस था. जिसमें कोई भी रहस्य जैसी बात नहीं थी. क़ातिल पकड़े जाने के बाद अपना जुर्म कबूल चुका था. उसका कहना था कि चूंकि विनोद ने एक्सीडेंट के मामले में उससे समझौते से इनकार कर दिया, इसलिए उसने विनोद की हत्या कर दी.
इस बात को अब करीब ढाई साल गुज़र चुके थे. वक़्त का दरिया बहता-बहता दूर निकल चुका था. लेकिन कुछ इतने ही दिनों के बाद यानी अब से महज़ कुछ रोज़ पहले पानीपत के पुलिस अधीक्षक (SP) अजीत सिंह शेखावत के मोबाइल फ़ोन पर ऑस्ट्रेलिया से अचानक एक व्हाट्स एप मैसेज आया. मैसेज करने वाले ने विनोद मर्डर केस का जिक्र करते हुए लिखा था कि उस केस का गुनहगार अकेला वो ड्राइवर दीपक ही नहीं है, बल्कि उसकी केस की साज़िश में विनोद के कुछ बेहद करीबी लोग यानी घरवाले ही शामिल हैं, जिसकी गहराई से जांच होनी चाहिए. कहते हैं समझदार को इशारा काफी होता है.
सुमित के संपर्क में था आरोपी ड्राइवर दीपक
पुलिस ने इस मामले की नए सिरे से जांच शुरू की. सीआईए थ्री की टीम ने आरोपी दीपक के बारे में जानकारी जुटाने के साथ-साथ उसके मोबाइल फोन की डिटेल निकलवाई. पता चला कि बठिंडा का रहने वाला ड्राइवर दीपक हरियाणा के ही गोहाना के रहने वाले सुमित नाम के किसी शख्स से लगातार बात करता है. दीपक तो ख़ैर ढाई साल पहले ही गिरफ्तार हो चुका था. लेकिन अब सुमित नाम का वो शख्स भी पुलिस की रडार में आ चुका था. अब पुलिस ने बड़ी खामोशी से सुमित के बारे में जानकारी जुटाने की शुरुआत कर दी.
निधि और सुमित के बीच होती थी लंबी बातचीत
और इस कोशिश में पुलिस को एक ऐसी बात पता चली, जिसने उसका दिमाग़ घुमा दिया. सुमित नाम के इस शख्स की मारे गए कारोबारी विनोद बराड़ा की पत्नी निधि से काफी बातचीत होती थी. ना सिर्फ बार-बार बल्कि लंबी बातचीत. अब पुलिस ने विनोद के कत्ल के सिलसिले में सुमित को हिरासत में ले लिया. जिसने कत्ल के ढाई साल बाद ना सिर्फ कत्ल में अपना हाथ होने की बात कबूल कर ली, बल्कि ये खुलासा कर हर किसी को चौंका दिया कि ये कत्ल उसने खुद विनोद की पत्नी निधि के कहने पर करवाया था. यानी साज़िश में विनोद की पत्नी निधि भी शामिल थी.
खूनी साज़िश का प्लान ‘बी’
लेकिन आखिर निधि ने सुमित के साथ मिल कर अपने ही पति विनोद का कत्ल क्यों करा दिया? वो भी तब जब पति-पत्नी में किसी तरह का कोई विवाद नहीं था. सवाल ये भी था कि आखिर सुमित और निधि एक दूसरे को कैसे जानते थे? सवाल ये भी था कि अगर इस क़त्ल के पीछे सुमित और निधि ही शामिल थे, तो फिर ट्रक ड्राइवर ने अकेले विनोद का क़त्ल करने का दोष अपने सिर पर क्यों ले लिया? तो इस सवालों के पीछे साज़िश का प्लान ‘बी’ था.
निधि ने प्रेमी के साथ मिलकर दी थी पति की सुपारी
ढाई साल बाद ही सही. क़त्ल एक ओपन एंड शट केस अब एक पेचीदा मर्डर मिस्ट्री में तब्दील हो चुका था और कत्ल का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि खुद मकतूल की बीवी थी. दरअसल, इस कत्ल की साजिश को रचने वाली पत्नी ने ना केवल अपने पति के नाम की सुपारी दी थी, बल्कि इस इल्जाम से बचने के लिए प्लान बी भी बनाया था. यहां तक कि वो अपने पति के कातिल के घर का पूरा खर्च भी उठाने को तैयार हो जाती है. पर सवाल यही था कि आखिर निधि ऐसा क्यों कर रही थी. उसने अपने पति का कत्ल क्यों कराया था? तो इन सवालों के जवाब भी जान लीजिए.
निधि और सुमित के अवैध संबंध से नाराज था विनोद
विनोद की पत्नी निधि साल 2021 में एक जिम में फिटनेस ट्रेनिंग के लिए जाया करती थी. उसी जिम में गोहाना का रहने वाला सुमित ट्रेनर के तौर पर काम करता था. वहां सुमित और निधि में पहले दोस्ती हुई और फिर दोस्ती नजदीकियों में बदल गई. अब जाहिर है निधि शादीशुदा थी, तो जब निधि के पति विनोद को अपनी बीवी के इस अफेयर के बारे में पता चला वो इसका विरोध करने लगा. उसकी निधि से सुमित को लेकर कई बार कहासुनी भी हुई. और बस इसी के बाद निधि ने अपने पति विनोद को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया और नए नए ब्वॉयफ्रेंड सुमित के साथ मिलकर उसके कत्ल की साज़िश रची.
ट्रक से कुचलकर मारने के लिए 10 लाख की सुपारी
सुमित ने अपने किसी जानकार के ज़रिए ट्रक ड्राइवर दीपक से बात की. तय ये हुआ कि दीपक ट्रक से कुचल कर विनोद की हत्या कर देगा और अगर कहीं ये कोशिश नाकाम हो गई तो फिर प्लान बी पर काम होगा. प्लान ए के मुताबिक सुमित और निधि ने दीपक को 10 लाख रुपये की सुपारी दी और फिर उनके ईशारे पर दीपक ने पहले विनोद को ट्रक से कुचल कर मारने की कोशिश की और जब इस काम में वो नाकाम रहा, तो कुछ दिन बाद उसने समझौते के बहाने विनोद के घर धावा बोला और आखिरकार गोली मार कर उसकी जान ले ली.
विनोद के रुपयों से ही दी उसकी सुपारी
यानी प्लान बी कामयाब हो गया और विनोद की हत्या कर दी गई. निधि ने अपने उसी पति यानी विनोद के रुपयों से उसकी सुपारी दी, जिस पति का उसने कत्ल करवाया. यहां तक कि आगे भी जेल में रहने तक उसके और उसके परिवार की देखभाल करने का जिम्मा निधि और सुमित ने ही उठा रखा था. और किसी को इसकी खबर ही नहीं थी. वो तो जब ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले विनोद के एक भाई को अपनी भाभी की इस करतूत के बारे में खुफिया खबर मिली, तो उसने चुपचाप इसके बारे में पानीपत पुलिस के एसपी से व्हाट्सएप के ज़रिए शिकायत की और जब दोबारा नए सिरे से इस केस की तफ्तीश हुई, तो असली कहानी सामने आ गई.