कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से रविवार को इस्तीफा दे दिया। इसे लेकर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पार्टी आलाकमान पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान राम के मंदिर के निमंत्रण को ठुकराने का यह प्रकोप है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कृष्णम ने कहा, ‘कांग्रेस में कुछ ऐसे लोगों का कब्जा हो गया है जो न तो सच सुनना चाहते हैं, न सनातन, राम की बात सुनना चाहते हैं। जो श्री राम और सच की बात, जमीनी हकीकत को बताने की कोशिश करेगा उसे कांग्रेस छोड़नी पड़ रही है।’
राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ दिनों से चर्चा है कि मिलिंद देवड़ा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। देवड़ा को हाल में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का संयुक्त कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। देवड़ा ने दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT) के दावे को लेकर अस्वीकृति व्यक्त की थी। अविभाजित शिवसेना के अरविंद सावंत ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में देवड़ा को हराया था। सावंत अब ठाकरे गुट में शामिल हैं। देवड़ा एक समय कांग्रेस की मुंबई इकाई के प्रमुख भी थे। वह पार्टी के दिग्गज नेता दिवंगत मुरली देवरा के बेटे हैं।
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि अगर देवड़ा उनकी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। शिंदे ने कहा, ‘मैंने उनके फैसले के बारे में सुना है। अगर वह पार्टी में शामिल हो रहे हैं तो मैं उनका स्वागत करूंगा।’ दक्षिण मुंबई सीट से लोकसभा के पूर्व सदस्य देवड़ा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा था, ‘आज मेरी राजनीतिक यात्रा के एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ। मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और इसी के साथ पार्टी से मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है। मैं वर्षों तक अटूट समर्थन देने के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।’