भारत के खिलाफ उगला जहर तो मालदीव के राष्ट्रपति, विदेश मंत्रालय की वेबसाइट हुई डाउन, PM मोदी के ट्वीट के बाद बिलबिलाए चीन के चमचे

मालदीव राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू और प्रधानमंत्री मोदीमालदीव के राष्ट्रपति और विदेश मंत्रालय समेत तमाम सरकारी विभागों की वेबसाइट 6 जनवरी, 2024 की रात को चलना बंद हो गईं। इनके एकाएक रुकने के पीछे हैकिंग का शक जताया गया। गौरतलब है कि इससे पहले मालदीव के कई अकाउंट्स ने प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे और भारत को लेकर अपमानजनक ट्वीट किए थे।

6 जनवरी की रात को इन सभी वेबसाइट ने काम करना बंद कर दिया। हालाँकि, मालदीव की सरकार ने इसके पीछे तकनीकी खराबी का कारण दिया। बड़ी संख्या पर सोशल मीडिया में इसे मालदीव के लोगों द्वारा किए गए अपमानजनक ट्वीट का बदला कहा गया। जानकारी के अनुसार, अब यह सभी वेबसाइट दोबारा चालू हो चुकी हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था और विदेशों में जाने से पहले यहाँ लोगों को घूमने की सलाह दी थी। मालदीव का हाल के दिनों में भारत के प्रति रवैया भी काफी बदला है और इसके नए राष्ट्रपति मुहम्मद मुइज़्ज़ू चीन के पिछलग्गू माने जाते हैं।

भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स के लक्षद्वीप को बढ़ावा देने पर मालदीव के कई बड़े नामवर अकाउंट्स चिढ़ गए और भारत, प्रधानमंत्री मोदी समेत भारतीय संस्कृति पर कई अपमानजनक बातें कहीं। यह सब कहने वालों में मुइज़्ज़ू की सरकार में शामिल कुछ मंत्री भी थे।

इसके बाद भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स ने मालदीव को करारा जवाब दिया और याद दिलाया कि वर्ष 1988 में मात्र 100 लड़ाकों ने मालदीव पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन कैक्टस चला कर उनकी जान बचाई थी और उनके देश पर कब्ज़ा नहीं होने दिया था।

मालदीव की मुईज़्ज़ू सरकार में युवा मामलों की राज्य मंत्री मरियम शिउना ने प्रधानमंत्री के लक्षद्वीप की तस्वीरें डालने पर उन्हें इजरायल की कठपुतली और अन्य अपमानजनक शब्द कहे। इसके बाद उसने ट्वीट डिलीट कर दिया।

इसके अलावा मुइज़्ज़ू की पार्टी के एक सदस्य जाहिद रमीज ने भारतीयों पर टूरिज्म में मालदीव से प्रतिस्पर्धा ना कर पाने का दावा करते हुए नस्लीय टिप्पणी की। बाद में सामने आया कि यही जाहिद पहले भारत की नागरिकता माँग चुका है। भारतीयों के खिलाफ मालदीव में इस समय चीन की सहायता से घृणा अभियान चलाया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *