नई दिल्ली। इंडिया बनाम भारत को लेकर केंद्र और विपक्ष के बीच छिड़ी जंग के बीच मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक और बड़ा कदम उठाया है. दरअसल, आज (9 सितंबर) जब पीएम मोदी ने जी-20 सम्मेलन को संबोधित किया तो उनकी टेबल पर रखी कंट्री प्लेट में देश का नाम इंडिया नहीं बल्कि भारत लिखा हुआ था. यह बात खास इसलिए भी है, क्योंकि इससे पहले जब भी प्रधानमंत्री किसी अंतरराष्ट्रीय मंच को संबोधित करते थे तो उनके टेबल पर रखी कंट्री प्लेट पर देश का नाम इंडिया लिखा होता था.
इस पूरे विवाद की शुरुआत 5 सितंबर को उस वक्त हुई जब जी-20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के निमंत्रण पत्र पर ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया. निमंत्रण पत्र के सामने आने के बाद विपक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश का नाम इंडिया शब्द के इस्तेमाल को बंद कर केवल भारत कहे जाने की योजना बना रही है. यह भी कहा जा रहा है कि संसद का विशेष सत्र भी इसलिए बुलाया जा रहा है ताकि इंडिया का नाम भारत कर दिया जाए.
कांग्रेस नेता ने दिया संविधान का हवाला
जयराम रमेश ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था,’तो ये खबर वाकई सच है. राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी-20 रात्रिभोज के लिए ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है. संविधान के अनुच्छेद 1 को पढ़ा जा सकता है. जिसमें लिखा है कि ‘भारत’ जो इंडिया था, राज्यों का एक संघ होगा. लेकिन अब इस ‘राज्यों के संघ’ पर भी हमला हो रहा है.’
So the news is indeed true.
Rashtrapati Bhawan has sent out an invite for a G20 dinner on Sept 9th in the name of 'President of Bharat' instead of the usual 'President of India'.
Now, Article 1 in the Constitution can read: “Bharat, that was India, shall be a Union of States.”…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 5, 2023
जयराम का हमला, हेमंता ने की तारीफ
दरअसल, कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि राष्ट्रपति भवन में 9 सितंबर को होने वाले डिनर के लिए राष्ट्राध्यक्षों को जो आमंत्रण भेजा गया, उसमें ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि, इसके विपरीत बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने सरकार के इस कदम की जमकर तारीफ की थी.
PM ने दी थी बयानबाजी से बचने की सलाह
इंडिया बनाम भारत का विवाद सामने आने के अगले ही दिन 6 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि वो इंडिया बनाम भारत के विवाद में बयानबाजी न करें, जिन्हें बोलने के लिए अधिकृत किया जाए, केवल वही बोलें. इस मीटिंग में पीएम मोदी ने मंत्रियों से यह भी कहा था कि जी-20 बैठक को देखते हुए सभी मंत्री दिल्ली में मौजूद रहें. मंत्रियों को पहले से ही कहा गया था कि उन्हें विदेशी राष्ट्राध्यक्षों, उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ रहना है. इसलिए वो इस बात का ध्यान रखें कि विदेशी नेताओं को किसी तरह की दिक्कत न हो.
बुनियादी जरूरतों का खयाल रखना होगा
पीएम मोदी ने बैठक में मंत्रियों से कहा था कि वो विदेशी नेताओं के देशों की संस्कृति, रहन-सहन और खान-पान की बुनियादी जानकारी पहले से ही हासिल कर लें. जी-20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर के बीच नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश राष्ट्रपति ऋषि सुनक समेत दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेता पहुंच चुके हैं. हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बैठक में नहीं आ रहे हैं.