नई दिल्ली। भारत में जी-20 समिट के पहले दिन रात्रिभोज को लेकर सियासत गरमा गई है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली में लैंडिंग की इजाजत नहीं मिलने का दावा किया है. कांग्रेस शासित दोनों राज्यों के सीएम के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सफाई दी और बयान को खारिज किया है. MHA ने कहा है कि यह कहना सच नहीं है. CM के मूवमेंट पर रोक नहीं है.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली में जी-20 समिट चल रहा है. इसे लेकर 8-11 सितंबर तक एक उच्च तकनीकी सुरक्षा हवाई कवर तैनात किया गया है. हालांकि राज्यपालों और राज्य के मुख्यमंत्रियों को उनके विमानों के साथ आवाजाही की अनुमति है. उनके विमान की लैंडिंग को लेकर किसी तरह की रोक नहीं है.
‘नो फ्लाइंग जोन है, दिल्ली कैसे जाएंगे…’
बता दें कि एक दिन पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने एक बयान दिया था. उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज में भाग लेने में असमर्थता जताई थी. बघेल का कहना था कि दिल्ली और उसके आसपास हवाई प्रतिबंधों के कारण उनके विमान को लैंडिंग की अनुमति नहीं दी गई है. बघेल ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि भाई अब तो नो-फ्लाइंग जोन हो गया है तो कैसे जाऊं?
‘गहलोत का कोई अनुरोध अस्वीकार नहीं हुआ’
गृह मंत्रालय ने आगे कहा, एक मीडिया रिपोर्ट में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय द्वारा उनके हेलिकॉप्टर उड़ान के लिए मंजूरी देने से इनकार करने का दावा किया है. राजस्थान के सीएम की तरफ से सीकर समेत उड़ान अनुमति के लिए चार अनुरोध प्राप्त हुए थे और सभी को MHA की तरफ से अनुमोदित किया गया है. सीएम राजस्थान के किसी भी अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया गया है. जबकि वाणिज्यिक विमानों की सभी निर्धारित उड़ानों और राज्यपालों और राज्य के मुख्यमंत्रियों को अपने राज्य के विमानों पर आवाजाही की अनुमति है. निजी चार्टर्ड उड़ानों को एमएचए से अनुमति लेना जरूरी होगा.