महाराष्ट्र में इन दिनों सियासी पारा गर्म है। एक तरफ एकनाथ शिंदे गुट के विधायक मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ एनसीपी के नौ विधायकों को तत्काल मंत्री बना दिया गया है। इसको लेकर शिंदे समर्थक विधायकों में असंतोष बढ़ने लगा है। ऐसे ही एक विधायक आशीष जायसवाल भी भड़क उठे हैं। जायसवाल ने कहा है कि शिंदे समर्थक विधायक एक साल से इंतजार कर रहे हैं और मंत्रिमंडल विस्तार के लिए सिर्फ तारीख पर तारीख दी जा रही है। वहीं, एनसीपी विधायकों को मंत्री पद दे दिया गया। गौरतलब है कि आशीष जायसवाल निर्दलीय विधायक हैं और उन्होंने शिंदे गुट को समर्थन दिया है। इससे पहले प्रहार जनशक्ति पार्टी के एमएलए बच्चू कादू ने भी मंत्रिमंडल विस्तार न होने पर नाराजगी जताई थी।
उद्धव के खिलाफ की थी बगावत
बता दें कि आशीष जायसवाल ने ही तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ सबसे पहले बगावत की थी। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जायसवाल ने कहा कि कोई भी इस बात की भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि कैबिनेट विस्तार कब तक होगा। उन्होंने कहा कि अगर कहा जाए तो मामला सिर्फ तारीख पे तारीख तक अटका हुआ है। उन्होंने कहा कि मंत्री पद की उम्मीद रखकर बैठे सभी विधायकों ने अब अपने विधानसभा क्षेत्रों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। वजह यह है कि अगले साल लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। जायसवाल ने आगे कहा कि प्रदेश में सियासी गतिविधियों के साथ-साथ केंद्र में भी कैबिनेट में फेरबदल होने की चर्चा है। ऐसे में केवल हमारे सीनियर्स ही इसकी सही तारीख के बारे में बता सकते हैं।
जा रहा है निगेटिव मैसेज
जायसवाल ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार न होने से लोगों में गलत संदेश भी जा रहा है। उन्होंने कहा कि यही सही वक्त है कि सीएम शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार आईपीएल की तरह एक बेस्ट टीम का चयन करें जो परफॉर्मेंस करने वाली है। जायसवाल के मुताबिक यह तीनों ही अच्छे प्रशासक हैं। तीनों को बेहतर प्रदर्शन के आधार पर विधायकों को मंत्री पद देना चाहिए। इसके अलावा इन तीनों को क्षेत्रीय संतुलन को भी ध्यान में रखना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कि इस दौरान अन्य दलों से आए और निर्दलीय विधायकों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।