पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा पर बोले BSF डीआईजी, आयोग ने नहीं दी थी संवेदनशील बूथों की जानकारी

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव  में हिंसा पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की कई घटनाएं घटी, जिसमें 17 लोगों की मौत की सूचना है. जबकि दर्जनभर लोग घायल हो गये. मुर्शिदाबाद, नदिया, कूच बिहार, दक्षिण व उत्तर 24 परगना, मालदा और पूर्व बर्दवान जिले में सबसे अधिक हिंसक घटनाएं हुईं. कई जिलों से हिंसक झड़प, तोड़फोड़, बैलेट पेपर लूटने, आगजनी, फायरिंग और बमबाजी की घटनाएं सामने आयी हैं. मतदान शुरू होने से पहले ही राज्य के कई क्षेत्रों में हिंसा शुरू हो गयी थी. हालांकि, पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि पुलिस ने चुनाव संबंधी हिंसा में 10 मौत की ही पुष्टि की है.

जहां फोर्स की तैनाती हुई वहां सुचारू रूप से हुआ मतदान

इधर, बंगाल में चुनावी हिंसा को लेकर बीएसएफ का बड़ा बयान सामने आया है. दक्षिण बंगाल बीएसएफ के डीआईजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने कहा कि पंचायत चुनाव में सुरक्षा के मद्देनजर बीएसएफ, सेंट्रल फोर्स और स्टेट फोर्स की तैनाती की गई थी. जहां भी तैनाती हुई वहां सुचारू रूप से मतदान हुए. शनिवार सुबह 11 बजे 59,000 ट्रूप्स उपलब्ध थे. 61,636 पोलिंग बूथ में से 4,834 संवेदनशील पोलिंग बूथ घोषित हुए हैं, यह डाटा हमें मीडिया के माध्यम से मिला है.

संवेदनशील बूथ की जानकारी नहीं दी गई : डीआईजी बीएसएफ, दक्षिण बंगाल

बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि जो संवेदनशील पोलिंग बूथ होते हैं, उसपर प्राथमिकता दी जाती है. इन पोलिंग बूथों पर राज्य के प्रशासन (DM-SP) द्वारा बताए जाने पर हमारे फोर्स की तैनाती की गई थी. हमारे पास पोलिंग बूथ की लिस्ट अभी तक नहीं है. हमने पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग को इसे लेकर पत्र भी लिखा, पत्र का जवाब हमें मिला जिसमें सिर्फ 61,636 पोलिंग बूथ होने की जानकारी दी गई जबकि संवेदनशील बूथों की जानकारी नहीं दी गई.

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