मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार किया है। शुक्रवार सुबह से ही कयास लग रहे थे कि वह राज्यपाल अनुसूइया उइके से मिलकर पद छोड़ सकते हैं। लेकिन अब उनका बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मैं अपने पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। राज्य में बीते करीब दो महीनों से जारी हिंसा पर लगाम कसने में असफल रहने के चलते वह निशाने पर हैं। 3 मई को राज्य में हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद से अब तक शांति स्थापित नहीं हो सकी है। इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मैतेई समुदाय से आने वाले एन. बीरेन सिंह पर पक्षपात की कार्रवाई के आरोप भी लगे हैं।
भाजपा के ही कई कूकी विधायकों ने उन्हें पद से हटाने की मांग की है। इसके अलावा मणिपुर में कूकी बहुल जनजातीय इलाकों को स्वायत्तता देने की भी मांग की गई है। बीरेन सिंह ने ट्वीट कर इस्तीफा ना देने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस कठिन वक्त में अपने पद से इस्तीफा नहीं देने जा रहा हूं।’ बीरेन सिंह के इस्तीफा देने की खबरें आते ही उनके समर्थक बड़ी संख्या में घर के बाहर जुटने लगे।
बीरेन सिंह के समर्थक मांग कर रहे थे कि वह अपने पद इस्तीफा ना दें। उनकी एक समर्थक ने कहा, ‘हम बीते दो महीनों से संकट के दौर से गुजर रहे हैं। हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब भारत सरकार और मणिपुर के प्रशासन के बीच लोकतांत्रिक तौर पर हिंसा का कोई समाधान निकलेगा। ऐसी स्थिति में यदि मुख्यमंत्री इस्तीफा देते हैं तो फिर कैसे कम होगा। इस संकट की घड़ी में कौन हमारा नेतृत्व करेगा। यह हमारे लिए चिंता की बात है। हम नहीं चाहते कि ऐसे वक्त में वह पद छोड़ें।’