नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज (1 जून को) प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया हिंसा की मामले की न्यायिक जांच होगी. अमित शाह ने ये भी कहा कि 29 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट के एक जल्दबाज फैसले की वजह से राज्य में जातीय हिंसा और दो गुटों के बीच में हिंसा की शुरुआत हुई. शाह ने कहा कि इन 2 दिनों में मणिपुर के अलग-अलग इलाकों में जाकर मैंने नागरिकों के डेलीगेशन और आहत लोगों से मिलने की कोशिश की. अफसरों के साथ भी मीटिंग की. केंद्रीय गृह मंत्री ने ये भी कहा कि भारत सरकार हिंसा, हिंसा की वजहों और हिंसा के जिम्मेदार इन सभी की जांच के लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस लेवल के रिटायर्ड जजों का न्यायिक आयोग गठित करके जांच करेगी.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले 6 साल से जब से मणिपुर में बीजेपी की सरकार आई मणिपुर कर्फ्यू, हिंसा और बंद से मुक्त हो गया था. डबल इंजन की सरकार ने मणिपुर में डेवलपमेंट के सभी पैमानों में अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की. पिछले 1 महीने में मणिपुर में हिंसक घटनाएं हुई हैं. जिन नागरिकों की हमले की हिंसा में मौत हुई है उनके परिजनों के प्रति पीएम नरेंद्र मोदी, मेरी तरफ से और केंद्र सरकार की तरफ से संवेदना जताता हूं.
पिछले 1 महीने में मणिपुर से कुछ हिंसक घटनाएं सामने आई हैं. मैं उन सभी परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने हिंसा में अपने प्रियजनों को खोया है. मैंने पिछले 3 दिनों में इंफाल, मोरेह और चुराचांदपुर सहित मणिपुर में कई जगहों का दौरा किया है और राज्य में शांति स्थापित करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं. मैंने मैतेई और कुकी समुदायों के सीएसओ से भी मुलाकात की है.
इसके अलावा अमित शाह ने कहा कि मणिपुर में हिंसा के जितने भी मामले दर्ज किए गए हैं इनमें से 5 मामले चयनित किए गए हैं और एक मामला हिंसा के षड्यंत्र का दर्ज करके इन 6 मामलों की जांच CBI करेगी. निष्पक्ष जांच की जाएगी.