नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपने मुंबई ऑफिस के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इन पर सीक्रेट फाइलें लीक करने का आरोप है। ईडी को सबूत मिला है कि दोनों कर्मचारी पुणे के बिजनेसमैन और सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व डायरेक्टर अमर मूलचंदानी के संपर्क में थे और दोनों ने रिश्वत में ‘संवेदनशील’ जांच जानकारी साझा की थी। अपने दो कर्मचारियों के अलावा ईडी ने पूर्व अध्यक्ष के करीबी सहयोगी को भी गिरफ्तार किया है।
मूलचंदानी और उसके परिवार हुए गिरफ्तार
महाराष्ट्र पुलिस ने मूलचंदानी और उनके परिवार के पांच सदस्यों को 27 जनवरी को पूर्व डायरेक्टर के खिलाफ ईडी की छापेमारी में ‘बाधा डालने’ और सबूतों को नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि जांच के दौरान, यह पाया गया कि एक व्यक्ति अक्सर मुंबई के ईडी कार्यालय परिसर के आसपास नजर बनाए रखता था। ईडी द्वारा पकड़े जाने के बाद पता चला कि बबलू सोनकर, अमर मूलचंदानी का कर्मचारी था और उसे गवाहों को धमकाने, एक डेटा-एंट्री ऑपरेटर और एक ईडी के कर्मचारी को रिश्वत की राशि देने का काम सौंपा गया था।
ईडी के कर्मचारी ने कबूला
एजेंसी ने कहा कि सोनकर के कब्जे से ‘आपत्तिजनक’ दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इसके अलावा ईडी के संविदा कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि वे अमर मूलचंदानी को संवेदनशील जानकारी शेयर कर रहे थे। ईडी ने दोनों कर्मचारियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार कर लिया है।
429 करोड़ का घोटाला
बता दें कि जनवरी में ईडी ने को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व डायरेक्टर अमर मूलचंदानी समेत कुछ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की थी। ईडी ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। सेवा विकास सहकारी बैंक को 429 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सहकारी बैंक को किसी भी वित्तीय मानदंडों का पालन किए बिना परिवार के स्वामित्व की तरह चलाया जा रहा था। ईडी ने कहा, ’92 प्रतिशत से अधिक ऋण खाते एनपीए हो गए और अब बैंक दिवालिया हो गया है।’