यू्क्रेन के खिलाफ युद्ध में पिछड़ने की खबरों के बीच रूस से फिर से कमर कसने की तैयारी कर ली है। इसके मुताबिक रूस अपनी सेना में चार लाख नई भर्तियां करने वाला है। दिलचस्प बात यह है रूस का यह नया ऐलान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मॉस्को दौरे के बाद आया है। बता दें कि चीनी राष्ट्रपति ने सार्वजनिक रूप से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए रूस का समर्थन किया था। वहीं, इसी साल के अंत में रूस में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। पुतिन फिर से राष्ट्रपति चुने जाने के लिए तैयारियों में जुटे हैं। माना जा रहा है कि अगर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस कुछ ठोस नहीं हासिल कर पाता है तो पुतिन की फिर से रूस का राष्ट्रपति बनने की योजना खटाई में पड़ सकती है।
रूसी सेना के लिए लिए नए सैनिकों की नियुक्ति यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उसके लिए काफी अहम साबित होगी। इससे वह यहां पर अपने अभियान में तेजी ला सकता है। बता दें कि यूक्रेन के खिलाफ पिछड़ने की खबरों ने पूरे रूस में लोगों का आत्मविश्वास हिला दिया था। वहीं, जंग और राजनीति के मैदान में चुनौतियों के बीच पुतिन इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि वह अमेरिका और यूरोप से यूक्रेन को मिल रहे समर्थन को खत्म करने में कामयाब रहेंगे। उनका मानना है कि अगर रूसी सेना एक बार और यूक्रेनी सेना को पीछे धकेलने में कामयाब रही तो कीव को मिलने वाला समर्थन कमजोर पड़ जाएगा।
बता दें कि खुद रूस के अंदर ही इसकी सफलता को लेकर संदेह जाहिर किया जा रहा है। एलीट तबके ने सवाल उठाए हैं कि क्या रूस जीत सकता है? हालांकि रूस के करीबी यूक्रेन के खिलाफ जीत को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। वह इसको अस्तित्व की लड़ाई की रूप में देख रहे हैं और रूसी राष्ट्रपति की आंख और कान हैं। बता दें कि हाल ही में रूस के दौरे पर पहुंचे चीनी राष्ट्रपति ने खुले तौर पर रूस का समर्थन किया था। जिनपिंग के इस समर्थन से क्रेमलिन के अधिकारी भी खुद को काफी उत्साहित महसूस कर रहे हैं। बता दें कि चीन ने खुले तौर पर यह स्वीकार नहीं किया है कि वह रूस को जंग में लड़ने के लिए घातक हथियार मुहैया कराएगा।
इस बीच रूसी सैनिक यूक्रेन में आगे बढ़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यूक्रेनी और पश्चिमी अधिकारियों के मुताबिक, युद्धक्षेत्र में करीब 300,000 सैनिक जुटे हुए हैं। लेकिन हालिया महीनों में रूस किसी भी प्रमुख शहर पर बढ़त हासिल करने में कामयाब नहीं हुआ है। वहीं, यूक्रेन रूस का प्रतिरोध तेज करने की योजना में जुटा हुआ है। इसके लिए उसकी सेनाएं यूरोप और अमेरिका में ट्रेनिंग भी ले रही हैं। साथ ही उसे नए मिले टैंकों, आर्मर्ड वाहनों और अन्य हथियारों की भी मदद मिलेगी। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, कीव रूसी लाइनों को तोड़ने के साथ-साथ उन पुलों को तोड़ने की कोशिश कर सकता है, जो क्रीमिया को रूस से जोड़ता है।