गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने अब हाजियों को भी नहीं बख्शा है। पाकिस्तान में सरकारी हज पैकेज महंगा हो गया है। जिसके मुताबिक हज पैकेज में पिछले साल के मुकाबले 3.5 लाख रुपये की बढ़ोतरी हुई है। अब पाकिस्तान ने अपना खजाना भरने के लिए हज यात्रा करने वालों तक से पैसे वसूल रहा है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पिछले साल कुर्बानी समेत हज पैकेज पाकिस्तानी करेंसी के हिसाब से 8 लाख 26 हजार 528 रुपये था, जबकि इस साल कुर्बानी को छोड़कर खर्च 11 लाख 75 हजार वसूला जा रहा है। यहां तक की कुर्बानी के लिए हाजियों को अधिक भुगतान करना होगा।
कर्ज के लिए कटोरा लेकर भीख मांगने वाले पाकिस्तान ने बताया कि वहां डॉलर की कमी के मद्देनजर रखते हुए सरकार हज नीति में बड़ा बदलाव करने को मजबूर हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक हज यात्रियों के खाने-पीने का खर्च 100 फीसदी बढ़ा दिया गया है। 38 दिनों के लिए प्रति हाजी खाने-पीने का खर्च पाकिस्तानी करेंसी के लिहाज से एक लाख रुपये तक बढ़ गया है, पिछले साल खाने-पीने का खर्च 53 हजार 440 रुपये था।
मक्का में रहने का किराया भी बढ़ा
इस साल, मक्का में रहने का किराया भी 70% से अधिक बढ़ गया है। मदीना में रहने का किराया 37,000 रुपये से बढ़कर 78,000 रुपये हो गया है, परिवहन खर्च 61,000 रुपये है। पाकिस्तान की माली हालत किसी से छिपी नहीं है। आए दिनों वहां लोगों को बढ़ी हुई कीमतों से जूझना पड़ रहा है।
उधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस स्थिति के लिए राजनीतिक अस्थिरता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पाकिस्तान दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में शाहबाज शरीफ ने कहा कि 23 मार्च उनके राष्ट्रीय इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन है जो उन्हें अतीत की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि आज की दिन मौजूदा स्थिति पर सोचते हुए भविष्य की तरफ देखना होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान राजनीतिक और संवैधानिक संघर्ष के परिणामस्वरूप आर्थिक खतरे की स्थिति घर कर रही है। पाकिस्तानी पीएम ने अपने देश की शेखी बघारते हुए कहा कि पाकिस्तान की नियति महान उपलब्धियों और ऊंचाइयों को हासिल करना है।