महामाया राजकीय महाविद्यालय महोना लखनऊ में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
महामाया राजकीय महाविद्यालय महोना लखनऊ में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय था “उच्च शिक्षा के परिवर्तन में एनईपी 2020 की भूमिका” संगोष्ठी में मुख्य अतिथि प्रोफेसर ब्रह्मदेव निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश थे। विशिष्ट अतिथि प्रो अनुराधा तिवारी, सदस्य, एन ईपी 2020 उत्तर प्रदेश थी। कीनोट वक्ता डॉ मनीष श्रीवास्तव एसोसिएट प्रोफेसर अर्थशास्त्र विद्यान हिंदू पीजी कॉलेज लखनऊ थे। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो शहला नुसरत किदवई ने स्वागत उद्बबोधन दिया। अन्य अतिथियों में डॉ अजय कुमार सैनी, प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय सीतापुर । प्रोफेसर पी एन डोंगरे केएनपीजी कॉलेज ज्ञानपुर भदोही, प्रोफेसर सुमन गुप्ता प्राचार्य महाराजा बिजली पासी कॉलेज आशियाना लखनऊ, प्रोफेसर आलोक कुमार श्रीवास्तव, प्राचार्य, टोडरमल राजकीय महाविद्यालय हरदोई, प्रो रजनीकांत श्रीवास्तव, आरएमपी कॉलेज सीतापुर, प्रो हेमंत पाल, प्राचार्य, वाईडी पीजी कॉलेज सीतापुर थे। प्रो विनय कुमार सिंह, समाजशास्त्र विभाग, महामाया राजकीय महाविद्यालय, महोना, लखनऊ ने सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत किया। इसके साथ ही विभिन्न विश्व विद्यालय/ महाविद्यालयों से डेढ़ सौ से अधिक प्रोफेसर सेमिनार में आये।
डॉ मनीष श्रीवास्तव ने अपने बीज वक्तव्य में कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने में कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां आ रही है महाविद्यालयों के पास आधारभूत सुविधाएं नहीं है सूचना तकनीकी और इंटरनेट का अभाव होने के कारण राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जो फायदे बताए जा रहे हैं वह व्यवहारिक धरातल पर उतरते नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। प्रो पी एन डोंगरे ने अपने वक्तव्य में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सफलतापूर्वक अपने उद्देश्यों को पूरा कर रही है। छात्र इसके द्वारा प्राप्त स्वतंत्रता के द्वारा अपने शिक्षा को आगे बढ़ा रहे हैं क्योंकि यह शिक्षा नीति विज्ञान, कला और व्यवसायिक वर्ग की परंपरागत खाई को पाटती है। प्रोफेसर अनुराग तिवारी अपने वक्त में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षार्थी सरलता से वोकेशनल कोर्स और को करिकुलर कोर्स को चुन सकता है। वोकेशनल कोर्स से उसे रोजगार प्रशिक्षण प्राप्त होगा और कोकरिकुलर से उनके व्यक्तित्व एवं चरित्र का विकास होगा। ज्ञान चरित्र और तकनीकी से युक्त होकर युवा समर्थ होगा और समर्थ युवा से ही मजबूत राष्ट्र का निर्माण होगा।
मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक महोदय ने अपने उद्बबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति2020 के द्वारा ज्ञान और रोजगार दोनों का संगम स्थापित करने का प्रयास किया गया। साथ ही पूर्व के ज्ञान, चरित्र का और पश्चिम के तकनीकी का भी समन्वय होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विद्यार्थी को अनेक प्रकार की स्वतंत्रता का विकल्प देती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा शिक्षार्थी अपने रोजगार के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल भी शिक्षा के दौरान ही हासिल कर सकता है । उन्होंने बताया कि अनेक विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों ने विभिन्न समझौते वोकेशनल संस्थाओं से किए हैं जिसके द्वारा वोकेशनल कोर्स को डिग्री कोर्स के साथ जोड़ा जा रहा है।
शिक्षार्थी स्नातक के दौरान ही हस्त कौशल और तकनीकी कौशल दोनों में पारंगत हो सकता है। इसके साथ ही सूचना तकनीकी उपयोग से शिक्षा को प्रभावशाली बनाने का प्रयास भी किया गया है।निदेशक महोदय ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की है ।जिसके द्वारा शिक्षार्थियों को शिक्षा के दौरान चरित्र और व्यक्तित्व के विकास के विभिन्न अवसर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। निदेशक महोदय ने यह भी सलाह दिया कि प्राध्यापक को सरल, सुगम्य भाषा मे सम्प्रेषण करना चाहिए ताकि शिक्षार्थी को आसानी से समझ मे आ जाये। शिक्षक को अपने आचरण को इस प्रकार रखना चाहिए कि विद्यार्थी उससे प्रेरणा ग्रहण करें।
तकनीकी सत्र प्रथम में अतिथि व्याख्यान डॉक्टर सुभाष कुमार यादव, एसोसिएट प्रोफेसर, सांख्यिकी विभाग, भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ थे। जिसका विषय था “एनईपी 2020 और उच्च शिक्षा में शोध।” तकनीकी सत्र द्वितीय में डॉ गगन कुमार , असि प्रो, अर्थशास्त्र विभाग, राजकीय महाविद्यालय कुचलाई सीतापुर का अतिथि व्याख्यान हुआ।जिसका विषय था ” एनईपी 2020 में विश्लेषणात्मक दृष्टि”। दोनों ही सत्रों में 50 से अधिक शोध पत्र का वाचन हुआ डेढ़ सौ से अधिक शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण हुआ। सेमिनार शोध समिति विचार मंथन करके प्रकाशित करने का निर्णय लेगी। कार्यक्रम के संयोजक आयोजन सचिव डॉ सुरेंद्र कुमार कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर शालिनी अग्रवाल ने किया धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुरेंद्र कुमार ने किया। यह सूचना मीडिया प्रभारी डॉ जीतेन्द्र यादव द्वारा प्रदान की गई।