नई दिल्ली। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भारत में होने वाले चुनाव में काफी खर्च होता है। चुनावों में होने वाले खर्च के मद्देनजर भारत, अमेरिका जैसे देशों के आम चुनाव में होने वाले खर्च को भी पीछे छोड़ देता है। एक अनुमान के मुताबिक साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 60,000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। आखिर इतना धन आता कहां से है? एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में सात राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 66 प्रतिशत से अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड और अज्ञात स्रोतों से आया है।
अज्ञात आय स्रोत क्या है?
एडीआर के मुताबिक, एक अज्ञात स्रोत राजनीतिक दलों की तरफ से वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में आय का स्रोत बताए बिना घोषित आय है। अज्ञात स्रोतों में चुनावी बांड, कूपन की बिक्री, राहत कोष, विविध आय, स्वैच्छिक योगदान और बैठकों से योगदान शामिल हैं। मौजूदा वक्त में, राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये से कम देने वाले व्यक्तियों या संगठनों और चुनावी बॉन्ड के माध्यम से दान करने वालों के नाम प्रकट करने की आवश्यकता नहीं है। नतीजतन, 66 प्रतिशत से अधिक धन का पता नहीं लगाया जा सकता है।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा ने 2021-22 में अज्ञात स्रोतों से 1,161 करोड़ रुपये की आय घोषित की, जो अज्ञात स्रोतों से राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 53.45 प्रतिशत है। भाजपा की आय अन्य छह राष्ट्रीय दलों की तरफ से घोषित अज्ञात स्रोतों से कुल आय से 149.86 करोड़ रुपये अधिक है। टीएमसी ने अज्ञात स्रोतों से 528 करोड़ रुपये की आय घोषित की, जो अज्ञात स्रोतों से राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 24.31 प्रतिशत है। एडीआर ने कहा कि 2004-05 और 2021-22 के बीच कूपन की बिक्री से कांग्रेस और एनसीपी की संयुक्त आय 4,398.51 करोड़ रुपये है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी का कुल दान 38 लाख रुपये (चुनाव बांड के माध्यम से दान को छोड़कर) है, लेकिन पार्टी ने दान विवरण (20,000 रुपये से ऊपर के दान का विवरण) में 43 लाख रुपये के दान की घोषणा की है। एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पार्टी के बयान में यह अलग है। सीपीआई ने लेवी, सदस्यता शुल्क, पार्टी फंड और इलेक्शन फंड के जरिए चंदा देने की घोषणा की है।
एडीआर ने कहा कि इस विश्लेषण के लिए आठ राष्ट्रीय दलों पर विचार किया गया था लेकिन बसपा ने घोषणा की कि उसे आय के अज्ञात स्रोतों से स्वैच्छिक योगदान से कोई धन नहीं मिला है। 2021-22 में आठ राष्ट्रीय दलों की कुल आय 3,289.34 करोड़ रुपए थी। ज्ञात स्रोतों से इन राजनीतिक दलों की कुल आय 780.8 करोड़ रुपये थी, जो कि पार्टियों की कुल आय का 23.74% है। 2021-22 में अन्य ज्ञात स्रोतों से इन पार्टियों की कुल आय 336.3 करोड़ रुपये या कुल आय का 10.22% थी।