लखनऊ। यूपी के प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. पुलिस की टीमें वारदात को अंजाम देने वाले माफिया अतीक अहमद के शूटर्स की तलाश में जुटी हैं. हालांकि, अभी तक उन तक पहुंच नहीं पाई हैं. विशिष्ट इनपुट पर अब यूपी एसटीएफ की एक टीम पड़ोसी देश नेपाल पहुंची. बताया जा रहा है कि अतीक अहमद का बेटा असद बहराइच के रास्ते नेपाल चला गया है. इसके साथ ही पुलिस की टीमें असद की तलाश में कई जगह दबिश दे रही हैं.
माफिया अतीक अहमद के बेटे असद के साथ शूटर अरमान, मोहम्मद गुलाम, बमबाज गुड्डू मुस्लिम और मोहम्मद साबिर पर पुलिस ने ढाई-ढाई लाख का इनाम घोषित कर रखा है. हत्याकांड को अंजाम देने वालों में अब तक असद की कार का ड्राइवर अरबाज और शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान एनकाउंटर में ढेर किया जा चुका है.
असद और उसके साथी पुलिस की गिरफ्त से दूर
हत्याकांड की प्लानिंग में शामिल सदाकत गिरफ्तार भी हो चुका है. हालांकि, अभी तक मुख्य शूटर असद और उसके साथी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. प्रयागराज पुलिस और यूपी एसटीएफ की कुल 22 टीमें छापेमारी और तलाश में लगी हैं. तीन टीमों को कॉल डिटेल और सर्विलांस के लिए लगाया गया है.
4 अन्य टीमें पूछताछ और जांच के दौरान मिल रही अहम जानकारियों की कड़ी को जोड़ने में लगी हैं. अब हर शूटर के लिए 3 डेडीकेटेड टीमें काम कर रही हैं. एसटीएफ ने भी अपनी सभी टीमों को सक्रिय किया है. साथ ही यूपी एसटीएफ की वाराणसी, प्रयागराज और लखनऊ यूनिट के साथ-साथ नोएडा और बरेली की टीम को भी लगाया गया.
मुश्किलों में घिरा अतीक का परिवार
उल्लेखनीय है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के परिवार की मुसीबत ज्यादा बढ़ गई है. अतीक अहमद का आधा परिवार पहले से ही जेल में बंद है. इस हत्याकांड के बाद परिवार के बाकी सदस्य गायब हैं. अतीक अहमद हत्याकांड के पहले से ही साबरमती जेल में बंद हैं. उसके पांच बेटों में बड़ा बेटा उमर और दूसरे नंबर का बेटा अली अहमद जेल में है.
रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने जताई ये आशंका
बीते दिनों प्रयागराज में लंबे समय तक तैनात रहे एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने तो यहां तक कहा कि अगर जल्द अतीक अहमद का बेटा असद और उसके साथी नहीं पकड़े गए तो प्रयागराज और आसपास के कई जिलों में व्यापारियों से रंगदारी वसूली बढ़ जाएगी. उमेश पाल का उदाहरण देकर व्यापारियों से अतीक और उसके लड़के वसूली करने लगेंगे.
कब और कैसे हुई वारदात?
प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उसके दो गनर्स की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उमेश पाल राजूपाल हत्याकांड में गवाह थे. उमेश के गाड़ी से उतरते ही बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर दी थी. इस दौरान उनकी और उनके एक गनर की गोली लगने से मौत हो गई. जबकि दूसरे गनर की इलाज की दौरान मौत हुई थी. बदमाशों ने इस हत्याकांड को 44 सेकंड में अजाम दिया था.